भविष्य उज्जवल गर है बनाना तो छोड़ो परीक्षा से नाहक डरना थोड़ा तनाव होता है अच्छा अधिक मेहनत को प्रेरित करता स्वयं को चुनौती देने को उत्सुक करता प्रतिभा निखारने का अवसर भी देता
लेकिन चिंता का विषय तब बन जाता जब तनाव सिर पर हावी हो जाता कार्य क्षमता में बाधक बन जाता लक्ष्य प्राप्ति के प्रयासों से भटकाता “परीक्षा- वीर ” तुम्हे नहीं है बनना फेल – पास की चिंता छोड़ो करना लक्ष्य निर्धारित स्वयं तुम करना पूर्ण मनोयोग से ” ज्ञान” बढ़ाना सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाना विषय विशेष में महारत हासिल करना
एकाग्रता से कर के समय प्रबंधन रचनात्मकता से करना स्मरण-शक्ति वर्धन आत्म विश्वास का कभी न होगा विखंडन छः घंटे डिजिटल उपवास हो यदि प्रतिदिन समय की कमी पूरी हो जाएगी दिन ब दिन
मन मस्तक में हो जाएगा माँ सरस्वती का वास डर व हताशा कभी न फटकेंगे आस- पास आत्म शक्ति का कर के मंथन सतत् प्रयास द्वारा तय है परिवर्तन राष्ट्र निर्माण में पावन योगदान तुम यह देना “परीक्षा-वीर”नहीं “ज्ञान -वीर” तुम बन जाना।
(लेखिका राजकीय महाविद्यालय, नाथद्वारा, राजसमन्द की प्राणीशास्त्र की सेवानिवृत्त सह आचार्य हैं)
नोट:अपने मोबाइल पर ‘नई हवा’की खबरें नियमित प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम और सिटी लिखकर मैसेज करें