UP में गड़बड़झाला: कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को दे दिया बिना मीटर वाला कनेक्शन, इंजीनियर्स का हो सकता है निलंबन, 23 का तबादला

लखनऊ 

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के इंजीनियर्स का  बिजली का कनेक्शन देने के नाम पर बड़ा घपला सामने आया है। इससे उत्तर प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लग गया है। योगी सरकार ने ऐसे इंजीनियर्स के खिलाफ एक्शन लेना भी शुरू कर दिया है। अभी फ़िलहाल इस मामले में लिप्त पाए गए 23 इंजीनयर्स का तबादला कर दिया गया है। इनमें जिम्मेदार पाए गए तीन अधिशासी अभियंता, आठ सहायक अभियंता और 11 अवर अभियंताओं को पश्चिमांचल डिस्काम से हटाकर पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम स्थानांतरित किया गया है। अब उनकी बर्खास्तगी या निलंबन की तैयारी चल रही है।

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के इंजीनियर्स का यह घोटाला नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पकड़ में आया है। आशंका है कि अन्य जगहों पर भी ऐसी गड़बड़ियां पकड़ में आ सकती हैं।  नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिजली का कनेक्शन देने में जेई से लेकर एसडीओ और एक्सईएन स्तर के 23 इंजीनियरों ने पैसे लेकर स्थाई की जगह अस्थाई कनेक्शन लोगों को दे दिया। शिकायत मिली तो कॉरपोरेशन के चेयरमैन ने जांच बैठा दी। जांच में शामिल एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि विभागीय जांच पूरी होने के बाद इन इंजीनियरों पर निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई होगी।

बिना मीटर लगाए दे दिए कनेक्शन
जो कनेक्शन दिए गए हैं, उसमें से ज्यादातर उपभोक्ता के यहां मीटर नहीं लगाया गया है। इसकी वजह से उसने कितनी बिजली का इस्तेमाल किया, इसकी जानकारी नहीं हो पाएगी। अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों के यहां बिना मीटर के कनेक्शन दिए गए हैं, वे सभी बड़े कॉमर्शियल उपभोक्ता थे। उनके यहां लाखों रुपए का बिल आना चाहिए था, लेकिन विभागीय लापरवाही की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। कई मामले में कनेक्शन पूरी तरह से नियमों को ताक पर रख  दे दिए गए। इसमें दूरी से लेकर लोड जैसे फैक्टर शामिल हैं।

12 JE और 8 SDO आरोपी
जिन 23 लोगों पर जांच चल रही है और तबादला किया गया है, उनमें सबसे ज्यादा संख्या जूनियर इंजीनियरों की है। इसमें 12 जेई, 8 एसडीओ और तीन एक्सईएन शामिल हैं। कनेक्शन देने में सबसे पहली रिपोर्ट जेई की होती है। ऐसे में उनके खिलाफ सबसे पहले कार्रवाई होती है।

पावर कॉरपोरेशन के एमडी एम देवराज  के अनुसार अस्थायी कनेक्शन देने समेत कई तरह की अनियमितताओं की जांच चल रही थी। समिति की रिपोर्ट में पहली नजर में गड़बड़ी सामने आ गई है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई है। अभी तबादला किया गया है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद बाकी दंडात्मक कार्रवाई होगी।

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