फर्रुखाबाद
नरौरा से 11 अक्टूबर को शुरू हुई राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन की गंगा संवाद यात्रा बुधवार को 22 वें दिन में प्रवेश कर गई। ये यात्रा 30 नम्बर को कानपुर के विठुर में समाप्त होगी।
चन्द्र ग्रहण के कारण यात्रा विश्राम के बाद बुधवार सुबह 10 बजे भरखा से शुरू हुई। यात्रा सलेमपुर,पूर्वा, ज्ञानपुर, अर्जुनपुर गांव, आतर गांव में गंगा संवाद यात्रा का स्वागत अनुराग सिंह, ग्राम प्रधान कर्णवीर सिंह ने गर्म जोशी से किया। दिन का भोजन करने के बाद यात्रा मोहिंदपुर, दियासियर पुर, सराह, खुटिया पहुंची।
इस मौके पर भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विख्यात विचारक के .एन.गोविन्दाचार्य ने गंगा किनारे बसे इन गांवों में ग्रामीणों से संवाद करते हुए कहा कि गंगा को स्वस्थ्य रहने के लिए गंगा जी में 60% पानी रहना चाहिए। अधिक से अधिक 40%पानी बाक़ी के जिलों में बाहर जाए तो गंगा जी में दिक्कत नहीं होगी।
गोविंदाचार्य ने कहा कि नरौरा से 15% पानी उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों में ले जाया जाना चाहिए। यदि इस से ज़्यादा जाएगा तो अविरल गंगा का स्वाथ्य बिगड़ेगा। अगल- बग़ल की भूमि का जल का स्तर नीचे जाएगा तो वहां के पेड़ सूखने लगेंगे। पक्षी का आवास ख़त्म हो जाएगा। उस का असर फसल पर पड़ेगा। इस का असर पशु चारे पर पड़ेगा जो इससे पलते हैं। फिर धीरे-धीरे सब विलुप्त होने लगेंगे।
गोविंदाचार्य ने कहा कि गंगा जी हम खुद मैला करते हैं। गांव,कस्बे, शहर का गन्दा पानी जाता है जिससे गंगा मैली हो गई है। उन्होंने कहा कि गंगा जी का बहाव ना रुके; ऐसी व्यवस्था करने की भी जरूरत है।
मीडिया प्रभारी मुरार कण्डारी के अनुसार गंगा संवाद यात्रा के सह यात्री जीवकांत झा दिल्ली, साध्वी रेणुका जी गंगोत्री मठ, विवेक त्यागी बिजनौर, कृष्णवीर सिंह फिरोजाबाद, अनूप यादव दिल्ली, निरंजना देवी गुजरात, ललिता देवी, विभा झा, निधि झा, संजय शर्मा, तरुण कुमार हरियाणा, सागर पाठक झांसी, श्रीराम लोधी टीकमगढ़, रिंकू नामदेव मध्यप्रदेश, मंटू तिवारी, मोहन सिंह नेपाल, उज्वल झा बिहार,भूपेंद्र तेवतिया बुलंदशहर, राजू झा पटना, ललित झा दिल्ली, ऋषभ झांसी आदि पद यात्रा कर रहे हैं।
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