आधी रात बाद भूकंप, आधा दर्जन लोगों की मौत, राजस्थान के जयपुर और भरतपुर सहित आठ जिलों में भी धूजी धरती

नई दिल्ली 

नेपाल में मंगलवार आधी रात बाद करीब पौने दो बजे भूकंप आया जिसके झटके राजस्थान के जयपुर और भरतपुर सहित आठ जिलों में भी महसूस किए गए। दिल्ली एनसीआर में भी लोगों को झटके महसूस हुए। आधी रात नेपाल में धरती कांपी तो नेपाल से भारत तक लोग खौफ में आ गएनेपाल से अब तक छह लोगों की मौत की सूचना है भारत के किसी इलाके से फिलहाल किसी नुकसान की खबर नहीं है

उत्तर भारत के कई राज्यों में लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने घरों में पंखों और अन्य चीजों के तेजी से हिलने का वीडियो भी ट्वीट किया है। बीते कई सालों में यह पहला मौका है, जब राजस्थान, दिल्ली एनसीआर समेत बड़े इलाकों में भूकंप इतनी तीव्रता से महसूस किया गया है। फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है। National Seismological Centre के मुताबिक नेपाल के मणिपुर में रात एक बजकर सत्तावन मिनट पर 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था इसके 15 मिनट बाद डोटी जिले में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया डोटी में भूकंप से कच्चे मकान गिरने से छह लोगों की मौत की खबर है नेपाल में आए भूकंप का कंपन दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी, हिमाचल, हरियाणा में भी महसूस किए गए

फोटो नेपाल के डोटी जिले का है जहां भूकंप से आधा दर्जन लोगों की मौत की सूचना है।

जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि जयपुर या राजस्थान में भूकंप के झटके महसूस होने का रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन हो सकता है लोगों को झटके महसूस हुए हो। राजस्थान के लोगों ने देर रात झटके महसूस की बातें सोशल नेटवर्क पर साझा की हैं। ये झटके दिल्ली, एनसीआर से पास वाले राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में आए। राजस्थान में जयपुर, भरतपुर, अलवर, सीकर, दौसा समेत प्रदेश के 8 से ज्यादा जिलों में लोग दहशत में आए। इन जिलों में रात करीब 1:57 बजे भूकंप के झटके लगे।

हालांकि ये झटके हल्के थे और किसी तरह की जान या माल के नुकसान की खबर नहीं है, पर लोग काफी देर तक घबराए रहे। रात में जब भूकंप के झटके आए तो अधिकांश लोग उस समय गहरी नींद में थे। इससे ज्यादातर लोगों को भूकंप के आने का पता ही नहीं चला।

भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 रिकॉर्ड की गई। इसका केंद्र हिमालय की गोद में बसे नेपाल के दोती जिले में जमीन से तकरीबन 10 किलाेमीटर नीचे था। भूकंप का जयपुर के अलावा, सीकर, झुंझुनूं, अलवर, भरतपुर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर के कुछ हिस्सों में महसूस किया गया।

नेपाल में एक के बाद एक तीन भूंकप
भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से लगभग 90 किलोमीटर पूर्व दक्षिण-पूर्व नेपाल में था। नेपाल में रात करीब 1.57 बजे के बाद रात करीब 3:15 बजे और उत्तराखंड के पिथौड़गढ़ में सुबह 6:27 बजे भी भूकंप के झटके लगे। नेपाल में रात 3:15 बजे आए भंकप की तीव्रता 3.6 जबकि उत्तराखंड में 4.3 तीव्रता रही। प्रारंभिक जानकारी के मुताबि तीव्रता ज्यादा नहीं होने से दोनों जगहों पर इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।

6 की तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली होता है।

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।

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