दौसा
दौसा के श्याम मंदिर में स्व. श्रीमती मनोहरी देवी की स्मृति में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन हो रहा है। 21 सितम्बर से शुरू हुई कथा 27 सितंबर तक चलेगी। कथा का वाचन वृंदावन के कथा वाचक पंडित अश्विनी मिश्र कर रहे हैं।
कथा में पंडित अश्विनी मिश्र ने श्रीमद् भागवत कथा में भगवान बालकृष्ण लल्ला के मनोहर चरित्र बाल लीला का रोचक वर्णन किया। पं. अश्विनी मिश्र ने भगवान श्रीकृष्ण की लीला एवं छप्पन भोग के प्रसंगों को कथा के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रत्येक रूप मनोहारी है। उनका बालस्वरूप तो इतना मनमोहक है कि वह बचपन का एक आदर्श बन गया है। इसीलिए जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के इसी रूप की पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें वे चुराकर माखन खाते हैं, गोपियों की मटकी तोड़ते हैं और खेल-खेल में असुरों का सफाया भी कर देते हैं।
पं. अश्विनी मिश्र ने कहा कि इसी प्रकार उनकी रासलीला, गोपियों के प्रति प्रेम वाला स्वरूप भी मनमोहक हैं। अपनी लीलाओं में वे माखनचोर हैं, अर्जुन के भ्रांति-विदारक हैं। गरीब सुदामा के परम मित्र हैं, द्रौपदी के रक्षक हैं, राधाजी के प्राणप्रिय हैं, इंद्र का मान भंग करने वाले गोवर्धनधारी है। उनके सभी रूप और उनके सभी कार्य उनकी लीलाएं हैं। उनकी लीलाएं इतनी बहुआयामी हैं कि उन्हें सनातन ग्रंथों में लीला पुरुषोत्तम कहा गया है।
कृष्ण लीला के साथ ही गोवर्धन लीला और छप्पन भोग का भव्य आयोजन भी कथा में हुआ। इस दौरान छप्पन भोग लगाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना की गई। 27 सितंबर को दोपहर 1:15 बजे हवन पूर्णाहूति और सायं 4:15 बजे तक भंडारा प्रसादी का आयोजन होगा।
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