जयपुर
Rising Rajasthan Summit: राइजिंग राजस्थान समिट (Rising Rajasthan Summit) सोमवार को जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में शुरू हो गया। जिसमें देश और विदेश के बड़े उद्योगपति और कारोबारी हिस्सा ले रहे हैं। समिट 11 दिसंबर तक चलेगा। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि राजस्थान समय के साथ खुद को रिफाइन करना भी जानता है। चुनौतियों से टकराने का नाम ही राजस्थान है। मोदी ने इस अवसर पर राजस्थान निवेशकों के लिए क्यों अनुकूल है; यह बात भी समिट में पहुंचे उद्योगपतियों और कारोबारियों को समझाईं। इस अवसर पर पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में चार बड़े उद्योग समूहों के उद्योगपतियों ने राजस्थान में बड़े निवेश की घोषणाएं कीं।
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मोदी ने बताया- निवेशकों के लिए राजस्थान इसलिए है अहम
पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान के पास नेचुरल रिसोर्सेस का भंडार है। राजस्थान के पास आधुनिक कनेक्टिविटी का नेटवर्क है। एक संपर्क विरासत है, एक बहुत बड़ा लैंडमार्क है और बहुत ही समर्पित युवा शक्ति भी है। यानी रोड से लेकर रोडवेज तक और रेलवे, अस्पताल से हैंडीक्राफ्ट तक राजस्थान के पास बहुत कुछ है। राजस्थान की एक और विशेषता है। राजस्थान में सीखने का गुण है और अपना सामर्थ्य बढ़ाने का गुण है। राजस्थान में जैतून की खेती का काम बढ़ रहा है। जयपुर की ब्लू पॉटरी, मकराना के मार्बल और कोटा डोरिया की पूरी दुनिया में पहचान है। भारत के खनिज भंडार का बहुत बड़ा हिस्सा राजस्थान में है। यहां जिंक, लेड, कॉपर, मार्बल, लाइमस्टोन, ग्रेनाइट, पोटाश जैसे अनेक खनिज का भंडार है। राजस्थान भारत के एनर्जी सिक्योरिटी में बहुत बड़ा कंट्रीब्यूटर है।
पीएम ने कहा कि भारत में इस दशक के अंत तक 500 गीगावाट रिन्युएबल इनर्जी (अक्षय ऊर्जा) बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें भी राजस्थान बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। भारत के सबसे बड़े सोलर प्लांट में से अनेक पार्क यहां बन रहे हैं। राजस्थान दिल्ली और मुंबई जैसे दो बड़े इकोनॉमिक सेंटर्स को जोड़ता है। दिल्ली—मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का 250 किलोमीटर क्षेत्र राजस्थान में है। इससे प्रदेश के हर जिलों को बहुत फायदा होगा। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जैसे आधुनिक रेल नेटवर्क का 300 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान में है। यह कॉरिडोर जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर और अलवर जिले में से होकर गुजरता है। कनेक्टिविटी के इतने बड़े प्रोजेक्ट का केंद्र होने के कारण राजस्थान निवेश के लिए बेहतरीन है। लॉजिस्टिक सेंटर के लिए तो यहां अपार संभावनाएं हैं। हम यहां मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का विकास कर रहे हैं। यहां लगभग दो दर्जन सेक्टर पैसिफिक इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं, जिससे राजस्थान में इंडस्ट्री लगाना आसान होगा।
धरातल पर उतरे तो बदल जाएगी राजस्थान की तस्वीर
समिट से पहले ही राजस्थान में लगभग 30 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हो गए थे। और आज सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले चार बड़े उद्योग समूहों के उद्योगपतियों ने राजस्थान में बड़े निवेश की घोषणाएं कीं। मोदी ने समिट में बीते एक साल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार के शानदार काम की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान के इस आर फैक्टर में अब यहां की रिस्पॉन्सिव और रिफॉर्मिस्ट सरकार का नया पहलू भी जुड़ चुका है।
अदाणी ग्रुप करेगा 7.5 लाख करोड़ का निवेश
सम्मेलन में अदाणी पोर्ट एंड एसईज़ेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (MD) तथा CEO करण अदाणी ने अदाणी ग्रुप की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में 7.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राजस्थान की जीडीपी को अगले 5 सालों में दोगुना करने का आपका लक्ष्य देखते हुए हमारा भी विश्वास बढ़ा है और हमने भी निवेश बढ़ाने का फैसला किया है। करण अदाणी ने कहा, “विभिन्न क्षेत्रों में 7.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस निवेश का 50 प्रतिशत अगले पांच वर्षों में किया जाएगा।हम दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी इकोसिस्टम बनाएंगे। इन निवेशों से राजस्थान में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में नौकरियों में तेजी आएगी। हम राजस्थान में भारत की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी भी बनाना चाहते हैं। इसके लिए हम 4 नए सीमेंट प्लांट लगाएंगे। साथ ही हम अन्य निवेश भी करेंगे।“
वेदांता ग्रुप करेगा विस्तार, 5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
सम्मेलन में वेदांता रिसोर्सेज़ के संस्थापक और चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह के अभी तक किए गए कामों से राजस्थान को काफी लाभ हुआ है और आगे इसमें और तेज़ी आएगी। अनिल अग्रवाल ने कहा, “हिन्दुस्तान जिंक की ओर से अभी तक हमने 1 लाख करोड़ का निवेश किया है, 1 लाख लोगों को रोजगार दिया है, 5000 कंपनियां उससे लाभान्वित हुई हैं। हर साल हमने 50 हजार करोड़ रुपए का टैक्स के जरिए योगदान दिया है। इसमें से हर साल 10 हजार करोड़ रुपया राजस्थान सरकार को जाता है। हमारा विस्तार का काम चल रहा है। हम इस राजस्व को 3 गुना बढ़ा देंगे। 1 लाख 50 हजार करोड़ देश को जाएगा। उसमें से 40 हजार करोड़ राजस्थान सरकार को मिलेगा। 5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।” उन्होंने कहा कि हर साल हमने 50 हजार करोड़ रुपए का टैक्स के जरिए योगदान दिया है। इसमें से हर साल 10 हजार करोड़ रुपया राजस्थान सरकार को जाता है। हमारा विस्तार का काम चल रहा है. हम इस राजस्व को 3 गुना बढ़ा देंगे।
अनिल अग्रवाल ने कहा कि “हमने नॉट फॉर प्रॉफिट इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की है, जिसमें हम कच्चा माल सप्लाई करेंगे। ज़िंक, लेड और सिल्वर देंगे। हम 2500 टन सिल्वर बनाएंगे और इस पार्क में बिना किसी प्रॉफिट के कच्चा माल देंगे, और हमांरी उम्मीद है कि वहां 500 उद्योग स्थापित होंगे।” “इसके अलावा हमने राजस्थान में पहल कर बच्चों और महिलाओं के लिए 3400 नंदघर की स्थापना की है। पूरे भारत में 6600 नंदघर चल रहे हैं जिनमें 5 लाख महिलाएं और बच्चे शिक्षित हो रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल ने मुझसे कहा जिसके बाद हमने वादा किया है कि हम अगले दो साल में राज्य में 25 हजार नंदघर बनाएंगे।“
आदित्य बिड़ला समूह करेगा 50,000 करोड़ रुपये का निवेश
समिट में आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में राजस्थान में विभिन्न कारोबारों में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आदित्य बिड़ला समूह के निवेश में अगले एक-दो वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा में 6,000 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल होगा। उन्होंने कहा कि समूह की भारत में छह व्यवसायों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है, जिनमें सीमेंट, दूरसंचार, फैशन रिटेल आदि शामिल हैं। कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, “हम अपने सभी व्यवसायों में निवेश बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुझे लगता है कि हमारा समूह अगले कुछ वर्षों में सीमेंट, नवीकरणीय ऊर्जा, दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।“
आनंद महिंद्रा की राजस्थान के लिए बताए अपने ये संकल्प
समिट में महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी राजस्थान में निवेश योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी का राजस्थान से पुराना नाता रहा है और कंपनी चार क्षेत्रों में काम कर रही है। कंपनी जयपुर के पास वर्ष 2002 से ट्रैक्टर बना रही है। महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर में भारी मात्रा में विदेशी निवेश हो रहा है और 143 कंपनियों ने 7000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है, जिससे 63,000 लोगों को रोजगार मिला है, और 23,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। उन्होंने कहा कि कंपनी यहां अपना कारोबार और बढ़ाने की तैयारी कर रही है। आनंद महिंद्रा ने साथ ही कहा कि क्लब महिंद्रा की राज्य में छह प्रॉपर्टी हैं और आने वाले वर्षों में इसकी संख्या करीब दोगुनी करने की योजना है।
साथ ही महिंद्रा समूह का सौर प्रभाग राजस्थान में 11,000 करोड़ रुपये का निवेश करने को प्रतिबद्ध है।उन्होंने कहा,”हमारे सोलर डिवीज़न ने राजस्थान में 1.1 गीगावाट से अधिक क्षमता स्थापित की है, और हम अतिरिक्त 2.8 गीगावाट क्षमता हासिल करने के लिए 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का संकल्प जता चुके हैं।” आनंद महिंद्रा ने साथ ही कहा,”महिंद्रा समूह ने राज्य में 5,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन किए हैं और अगले पांच वर्षों में इसमें अच्छी खासी वृद्धि करने की योजना है।“
टाटा पावर करेगी 1.2 लाख करोड़ का निवेश,28,000 नौकरियां होंगी सृजित
टाटा पावर राजस्थान में छतों पर सौर संयंत्र लगाने और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 1.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा कि कंपनी के निवेश का उद्देश्य राजस्थान को बिजली अधिशेष वाला राज्य बनाना है। ‘‘राज्य के लिए टाटा पावर का स्वच्छ ऊर्जा खाका 2070 तक देश के शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य और देश में अगले स्वच्छ ऊर्जा केंद्र के रूप में उभरने की राज्य की महत्वाकांक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।”
सिंह ने कहा कि टाटा पावर की पहल में 75,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। इसमें बीकानेर, जैसलमेर और जोधपुर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सौर, पवन और हाइब्रिड परियोजनाओं के साथ ‘रूफटॉप’ (छतों पर) सौर संयंत्र, पारेषण और वितरण तथा ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा शामिल है। कंपनी ने बाद में बयान में कहा कि इस निवेश से 28,000 नौकरियां सृजित होने और राजस्थान के लोगों को चौबीस घंटे, स्वच्छ, किफायती बिजली मिलने की उम्मीद है। बयान में कहा गया है कि ‘घर-घर सौर पहल’ के तहत, टाटा पावर का 10 लाख घरों में छत पर सौर ऊर्जा प्रणालियां स्थापित करने का लक्ष्य है. कंपनी इसके लिए हर महीने लगभग 50,000 छतों पर सौर संयंत्र स्थापित करेगी।
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