जयपुर
योगेंद्र गुप्ता
इस समय राजस्थान से जुड़ी एक अहम खबर सामने आ रही है। प्रदेश में भाजपा की भजनलाल सरकार ने पूर्व गहलोत सरकार के आखिरी कार्यकाल में की गई ताबड़तोड़ घोषणाओं, मुफ़्त की रेबड़ियों और उनके कारण पैदा हुई फाइनेंसियल क्राइसिस की समीक्षा करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार की ओर से शुक्रवार को एक अहम आदेश जारी करते हुए प्रदेश में अरबों रुपए के विकास कार्यों को रोकने के आदेश दिए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार तत्कालीन गहलोत सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के आखिरी पड़ाव में की गई ताबड़तोड़ घोषणाओं और मुफ़्त की रेबड़ियों के कारण मौजूदा भजनलाल सरकार के सामने जबरदस्त फाइनेंसियल क्राइसिस की स्थिति पैदा हो गई है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल ने शुक्रवार को सख्त एक्शन लिया और तमाम कामों को रोकने के आदेश दिए हैं। इस बाबत प्रदेश के वित्त विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोरा की ओर से आज आदेश जारी किए गए।
जारी आदेशों के अनुसार अब दी गई ऐसी तमाम स्वीकृतियों पर रोक लगा दी गई है और मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने के बाद ही इन कार्यों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा। भजनलाल सरकार ने निर्देश दिए हैं कि जिन कार्यों के टैंडर अभी तक आमंत्रित नहीं किए गए हैं, उन्हें अब आगामी निर्देशों तक आमंत्रित नहीं किया जाए और यदि टैंडर हो भी गए हैं तो उनके कार्यादेश आगामी निर्देशों तक जारी नहीं किए जाएं।
भजनलाल सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि किसी के कार्यदेश हो भी गए हैं तो आगामी आदेशों तक उनके काम शुरू नहीं किए जाएं। और सामग्री – सेवा के उपमान की स्थिति में आगामी आदेश तक कार्यादेश को स्थगित या निलंबित रखा जाए।
वित्त विभाग के इन आदेशों में निर्देश दिए गए हैं कि पूर्व में जारी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति की स्थिति में भी ये आदेश लागू होंगे और ऐसी स्वीकृतियां विभाग के मंत्री या मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाई जाएं और सक्षम निर्देश प्राप्त होने के बाद ही प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए।
सूत्रों का कहना है कि भजनलाल सरकार ने यह कदम पूर्व गहलोत सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का रिव्यू करने के लिए उठाया है। बताया जा रहा है कि गहलोत सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के आखिरी एक साल में लिए गए ताबड़तोड़ फैसलों के कारण राजस्थान के खजाने पर बुरा असर पड़ा है। नतीजतन प्रदेश की मौजूदा सरकार को सत्ता संभालते ही फाइनेंसियल क्राइसिस से जूझना पड़ा रहा है।
सूत्रों ने बताया का प्रदेश के आगामी बजट सत्र में फाइनेंसियल क्राइसिस की झलक देखने को मिल सकती है। ऐसे में भजन सरकार कुछ और सख्त कदम उठा सकती है। भजन सरकार ने जिन कार्यों पर रोक लगाई है; माना जा रहा है कि आगामी बजट से पहले इनके शुरू होनी की उम्मीद कम है। नीचे देखें वित्त विभाग के आदेश
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