नदबई
समाजवादी विचारक और सांसद पंडित रामकिशन ने पानी आन्दोलन के तहत बुधवार को नदबई (Nadbai) तहसील के ग्राम रैना में आयोजित किसानों की सभा में कहा कि देश में किसान कई वर्षो से दिल्ली के आसपास लगातार आन्दोलन कर रहे हैं जिसमें करीब एक हजार किसानों की मौत हो चुकी है इसके बाबजूद केन्द्र सरकार किसानों की बात सुनने के लिये भी तैयार नहीं है जबकि प्रधानमंत्री पहले खुद भी समर्थन मूल्य की वकालत करते थे।
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रामकिशन ने कहा कि किसानों का भला समर्थन मूल्य से नहीं हो सकता। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलना चाहिये। उन्होंने किसानों को भी सलाह दी कि वे भी खेती की परम्परागत खेती की बजाय बागबानी, सब्जियां और नई नई फसलों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि गत वर्षों में किसान आन्दोलन मजबूत हुए हैं। किसान आत्महत्याएं कांग्रेस के शासन में भी करते थे लेकिन एनसीआरबी की वर्ष 2022 में आई रिपोर्ट के मुताविक देश में 11290 किसानों ने आत्महत्या की है। इसका साफ मतलब है कि मोदी के राज में किसानों की आत्महत्याएं भी बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का वर्तमान विकास का मॉडल किसान और मजदूरों के खिलाफ है उसमें संशोधन जरूरी है। रामकिशन ने कहा कि उद्योगपतियों के सम्मेलन (समिट) तो सभी सरकारों के कार्यकाल में होते हैं लेकिन भरतपुर में औद्योगिकरण नहीं हुआ। वर्तमान राज्य सरकार को समिट का लाभ उठाना चाहिये।
किसान नेता और पूर्व जिला पार्षद इन्दल सिंह जाट ने कहा कि कृषि उत्पादों के दाम घटते जा रहे हैं जबकि खेती के कार्य के लिए काम आने वाली वस्तुएं जैसे खाद, बीज, कीटनाशक, ट्रैक्टर, डीजल आदि के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं जिसकी वजह से किसानों को खेती में कुछ नहीं बचता है तथा लागत बढ़ने से किसान कर्ज में दब गया है। उन्होंने कहा कि भरतपुर और डीग जिलों में सिंचाई पानी का संकट होने के कारण खेती बर्बाद हो रही है। किसानों के गहरे ट्यूबबैल पानी सूख चुके हैं। सभी नदियां और बांध सूखे पड़े हैं। सरकार को इआरसीपी के प्रथम चरण में ही बाणगंगा नदी, गम्भीर और रुपारेल में पानी पहुंचाना चाहिये। उन्होंने कहा कि पानी और रोजगार के सवाल को लेकर हम वर्ष 2007 से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। आन्दोलन में किसान, नौजवान और छोटे व्यापारियों को सहयोग करना चाहिये।
सभा में मौजूद किसानों ने एकमत होकर राज्य सरकार से बाणगंगा नदी में पानी लाने की मांग की तथा आन्दोलन को अपना पूर्ण समर्थन का वायदा किया। किसानों को घनश्याम गाजीपुर ने भी संबोधित किया। सभा में मोहन सिंह जाट, भीमसिंह रैना, पूरन सिंह, अमर सिंह, दलवीर मीना, श्याम जाट ने भी विचार प्रकट किये। ग्रामवासियो ने साफा पहनाकर स्वागत किया।
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