श्रीगंगानगर
राजस्थान के एक सरकारी कॉलेज का प्रिंसिपल नशे में धुत होकर SDM ऑफिस पहुंच गया और जमकर हंगामा किया और SDM को बोला; मुझ से जूनियर है। उसने यहां तक कह दिया कि मैं तो कलक्टर के भी अधीन नहीं आता। SDM ने मामले की शिकायत जिला कलक्टर को की है। एसडीएम के आदेश पर पुलिस ने प्रिंसिपल को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
घटना श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ की है जहां के SDM ऑफिस में नशे में धुत राजकीय कॉलेज के प्रिंसिपल अशोक मीणा ने जमकर बखेड़ा खड़ा कर दिया। और SDM को बोला कि मुझसे जूनियर है। इसके अलावा प्रिंसिपल ने SDM को भला-बुरा भी कहा। प्रिंसिपल इस दौरान जोर-जोर से चिल्लाता रहा। SDM कार्यालय के कर्मचारियों ने समझाने की भी कोशिश की, लेकिन उन्होंने कर्मचारियों के साथ भी अभद्रता व दुर्व्यवहार किया।
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SDM प्रियंका तलानिया ने बताया कि वह गुरुवार की शाम को एक चुनावी बैठक में शामिल होने के लिए गई थी। राजकीय कॉलेज के प्रिंसिपल अशोक मीणा नशे में धुत होकर उनके कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने जमकर हंगामा किया और उन्हें अपना जूनियर बताया। भरा-बुरा भी कहा। उन्होंने बताया कि उक्त मामले की शिकायत कलेक्टर से की है।
SDM प्रियंका तलानिया के अनुसार प्रिंसिपल अशोक मीणा पूरी तरह से नशे में धुत थे। जिन्हें कार्यालय के कर्मचारियों ने समझाने की भी कोशिश की, लेकिन उन्होंने कर्मचारियों के साथ भी अभद्रता व दुर्व्यवहार किया। इसके बाद कर्मचारियों ने उन्हें इस घटना की सूचना दी।
मेडिकल कराने ले गए तो अस्पताल में भी किया बखेड़ा
कर्मचारियों की सूचना पर एसएचओ फूलचंद शर्मा को प्रिंसिपल अशोक मीना का मेडिकल मुआयना करवाने का निर्देश दिया गया। इस पर प्रिंसिपल को राजकीय चिकित्सालय ले जाया गया, जहां उन्होंने यूरिन और ब्लड के सैंपल देने से मना कर दिया और वहां भी हंगामा करने लगे। राजकीय चिकित्सालय के डॉ.विकास टंडन ने बताया कि कार्यवाहक प्राचार्य ने सैंपल नहीं दिए लेकिन उसके हाव-भाव एवं शैली से स्पष्ट था कि शराब का सेवन कर रखा था। पुलिस को प्राचार्य के शराब के नशे में होने की रिपोर्ट सौंप दी गई है। प्रिंसिपल से जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि वो एसडीएम कार्यालय क्यों गए थे तो उन्होंने कहा कि एसडीएम से ही इसके बारे में पूछो।
यह है पूरा मामला
दरअसल SDM प्रियंका तलानिया ने विधानसभा चुनावों के मद्देनजर विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत बैठक बुलाई थी। राजकीय कॉलेज के प्रिंसिपल अशोक कुमार मीणा को भी अन्य अधिकारियों के साथ इस बैठक में बुलाया गया था। जब प्रिंसिपल प्राचार्य मीणा आया तो उस समय उपखंड अधिकारी ग्राम पंचायत 10 पी में मौका मुआयना करने के लिए गई हुई थीं। नशे में धुत प्रिंसिपल अशोक कुमार मीणा इस पर बिगड़ गए और SDM कार्यालय में आते ही चिल्लाना शुरू कर दिया। मीणा ने कर्मचारियों से कहा “कहां है तुम्हारी एसडीएम, तुम्हारी एसडीम नहीं है तो मुझे मीटिंग में क्यों बुलाया,मैं तो कलक्टर के भी अधीन नहीं आता हूं, एसडीएम कौन है मुझे बुलाने वाली।” कार्मिकों की समझाइश के बावजूद मीणा टस का मस नहीं हुआ। इस पर एसडीएम को सूचित किया गया। एसडीएम के आदेश पर पुलिस ने मीणा को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
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