ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग को लेकर नगर में किसानों का प्रदर्शन | रुपारेल नदी को भी प्रोजेक्ट में शामिल करने की मांग

नगर (डीग)

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने तथा रुपारेल नदी को इस प्रोजेक्ट में सम्मलित करने की मांग को लेकर शुक्रवार को नगर डीग क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए किसानों ने प्रदर्शन कर उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन दिया। प्रदर्शन में सैंकड़ो पुरुष और महिला किसानों ने हिस्सा लिया।

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प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दर्जनों गावों से आये किसान नगर कस्बे  के डाक बंग्ला पर इकट्ठा हुए और उपखण्ड अधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकाला गया। जुलूस में किसान ‘पानी नहीं तो वोट नहीं’, ‘ ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करो’,  किसान एकता जिन्दाबाद तथा ‘प्यासी धरती करे पुकार चम्बल का पानी दे सरकार’  जैसे नारे लगाते चल रहे थे। इस मौके पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड आधिकारी को तीन सूत्रीय ज्ञापन  दिया गया। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि केन्द्र सरकार ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करके राज्य के 13 जिलों की जनता के साथ अन्याय कर रही है।

इससे पूर्व प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते किसान नेता इन्दल सिंह जाट ने कहा  ईआरसीपी पिछले करीब 6 वर्ष से केन्द्र में अटकी पड़ी है जिसे 50% जल निर्भरता पर राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की मनमानी का नुकसान किसान और जनता भुगत रही है तथा प्रोजेक्ट की लागत बढ़ती जा रही है। वहीं जनता पैसे से खरीद पर पानी पीने के लिये मजबूर है। भरतपुर जिले की वाणगंगा, गम्भीर और रूपारेल नदियां सूखी पड़ी हुई हैं।

किसान आन्दोलन के संयोजक जिला पार्षद मोहना गुर्जर ने कहा कि रुपारेल नदी के क्षेत्र के ERCP में शीघ्र शामिल करना चाहिये ताकि रुपारेल के मार्फत किसानों को सिंचाई का पानी मिल सके। उन्होंने कहा कि डीग – नगर क्षेत्र के सभी बांध सूखे पड़े हैं और खेती बर्बाद हो रही है। किसान वर्ग दुःखी है।  सरकार को ERCP  को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करके रुपारेल नदी को इसमें शामिल करना चाहिये।

मोहना गुर्जर ने कहा कि किसान बुर्जा मन्दिर सुन्दरावली पर पिछले 30 दिनों से धरना प्रदर्शन कर पानी और न्याय मांग रहे हैं। उसी क्रम में आज प्रदर्शन किया गया। उन्होंने  बताया कि उनके प्रतिनिधि मन्डल की दो बार मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई है जो सकारात्मक रही है। मुलाकात में मुख्यमंत्री ने विभागीय उच्च अधिकारियों को उचित कार्यवाही करने और पूर्ण रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि इआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने एवं रुपारेल नदी को उसमें शामिल करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और अन्य जिलों में भी बढ़ाया जायेगा।

 उन्होंने कहा कि चम्बल पेयजल योजना का लाभ अधिकांश गांवों में लोगों को नहीं मिल रहा है। उसके लिए कमेटी गठित करके भौतिक सत्यापन होना चाहिये। अधिकांश जनता को चम्बल पेयजल नहीं मिल रहा है और लोंग खारा पानी पीने के लिये मजबूर है।

प्रदर्शन में भंवर सिंह सरपंच सिरथला, चरन सिंह पटवारी, महेन्द्र सिंह पूंछरी, गिर्राज यादव पूर्व सरपंच पालका, सतवीर बीरथला, ओम प्रकाश बडेसरा, साहिल खान नगर, मांगी  लाल यादव, धोरे सुन्दरावली, राम प्रसाद बलराका, रामबाबू रासिया, प्रताप सरपंच बाधाक, देबो पूर्व सरपंच सुन्दरावली, जीतू सरपंच, भावना देवी, मानौता कला, कबीता कसौदा, सुमन पीपरु, सुन्दर, बीरबल मास्टर, कमलेश दुदावल, गुड्डी  देवी पालकी, सीमा फतेहपुर, पप्पी देवी सिरथला आदि ने अपने विचार प्रकट किये।

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