जयपुर
दो दिन की शांति के बाद CM अशोक गहलोत ने रविवार को फिर एक ऐसी गुगली फेंकी कि उससे कांग्रेस में फिर बड़ी हलचल शुरू हो गई है। गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की तरफ इशारा करते हुए कहा कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन जयपुर आए थे। वे सर्वे करा लेते तो पता चल जाता कि किसकी अगुवाई में राजस्थान में सरकार रिपीट होती। गहलोत ने इशारों ही इशारों में 102 विधायकों की नाराजगी को जायज ठहराते हुए कहा कि इस नाराजगी की वजह का भी पता लगाया जाना चाहिए।
गहलोत का यह बयान कांग्रेस में संघर्ष को फिर हवा दे सकता है। गहलोत ने अपना यह बयान गांधी जयंती पर राष्ट्रपिता को माल्यार्पण करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान दिया और सीधा अजय माकन का नाम लेकर कहा– मैंने अजय माकन से कहा था कि वो सर्वे करा लें। इस सर्वे से हकीकत सामने आ जाएगी कि किसके नेतृत्व में कांग्रेस सरकार रिपीट हो सकती है।
102 विधायक नाराज क्यों हो गए; इस पर भी विचार करना होगा
गहलोत ने यहीं नहीं रुके। उन्होंने 102 विधायकों की नाराजगी को भी रक्त्रः से जायज ठहराते हुए कहा कि आखिर 102 विधायक नाराज क्यों हो गए। इस पर रिसर्च होना चाहिए, आखिर इस्तीफा देने की नौबत क्यों आई? सीएम ने कहा कि पार्टी पर्यवेक्षक आलाकमान का प्रतिनिधि होता है। पर्यवेक्षक को भी इसी हिसाब से काम करना चाहिए। उनका कहना था कि पर्यवेक्षकों की बैठक का बहिष्कार कर दिया ये नौबत क्यों आई? इस पर हमें विचार करना होगा।
गहलोत ने अपनी विफलता का जिक्र किया और कहा 50 साल की राजनीति में पहली बार वनलाइन प्रस्ताव पास करवाने में विफल रहा और इस हार के लिए मैंने सोनिया गांधी से माफी मांग ली है।‘मैं अपना कर्म कर रहा हूं बाकी फैसला आलाकमान के हाथ में है।‘
शशि थरूर जी एलिट क्लास से
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव की उम्मीदवारी पर भी अशोक गहलोत ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे संगठन से जुड़े आदमी हैं और उनके पास लंबा अनुभव है। उनकी तुलना शशि थरूर से नहीं की जा सकती। उन्होंने दावा किया कि खड़गे की एकतरफा जीत होगी। खड़गे दलित वर्ग से आते हैं। 50 वर्ष बाद कांग्रेस को कोई दलित राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा। शशि थरूर जी एलिट क्लास से है वो अपने फन में मास्टर हो सकते हैं।
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