उदयपुर
जनार्दन राय नागर डीम्ड विश्वविद्यालय उदयपुर द्वारा आई.सी.एस.एस.आर. द्वारा प्रायोजित 10 दिवसीय रिसर्च मेथाडोलॉजी कोर्स सोमवार को शुरू हो गया। यह कोर्स 20 मार्च तक चलेगा। इस कोर्स में पी .एच.डी.के विद्यार्थियों के लिए शोध की बारीकियां समझने के लिए 10 दिन तक देश के ख्यातिनाम विभिन्न विद्वानों के सेशन होंगे।
इस कोर्स के प्रथम दिन कोटा विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग की विभागाध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मीनू महेश्वरी रिसोर्स पर्सन के रूप में शामिल हुईं। मीनू माहेश्वरी ने इस कोर्स में दो सेशन लिए। प्रथम सत्र में रिसर्च मेथाडोलॉजी का इंट्रोडक्शन, शोध की महत्ता, शोध की आवश्यकता के बारे में बताया।
डा. मीनू माहेष्वरी ने दूसरे सत्र में शोध के विभिन्न प्रकारों के बारे में बताया। साथ ही शोध के विभिन्न प्रकार वैरियेबल्स के बारे में तथा शोध परिकल्पना के बारे में विस्तार से बताया। हाइपोथेसिस शोध में कैसे बनाई जाती है,उसकी क्या उपयोगिता है ,परिकल्पना को व्यवहारिक उदाहरणों से समझाया। इस कोर्स में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन लगभग 100 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इसमें प्रतिभागी देश के विभिन्न भागों जैसे महाराष्ट्र, पंजाब, उड़ीसा, गुजरात, बिहार, राजस्थान एवं अन्य राज्यों से भी भाग ले रहे हैं।
सत्र के अंत में शोधार्थियों ने विभिन्न प्रश्न पूछ कर शोध से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं को समझा। आई.सी.एस.एस.आर. द्वारा इस तरह के कोर्स के माध्यम से शोध के विद्यार्थियों को विभिन्न एक्सपर्ट्स के माध्यम से शोध के बारे में गहन जानकारी उपलब्ध करा कर अच्छी शोध को बढ़ावा दिया जाता है।10 दिवसीय कोर्स की शुरुआत में डॉक्टर मीनू महेश्वरी, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, कोर्स कोआर्डिनेटर एवं अन्य प्राध्यापकों द्वारा सरस्वती मां की पूजा एवं माल्यार्पण करके कोर्स का शुभारंभ किया। सभी शोधार्थियों ने इस कोर्स की उपयोगिता की बहुत तारीफ की।
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