‘रोडशो’ करके इस बैंक में हिस्‍सेदारी बेचेगी सरकार, शुरू की खरीदारों की तलाश

नई दिल्ली 

बैंक निजीकरण के खिलाफ बैंककर्मियों की प्रस्तावित हड़ताल के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़े बैंक को बेचने की तरफ कदम आगे बढ़ा दिए हैं। सरकार चाहती है कि इस महीने आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के निजीकरण की शुरुआत  हो जाए। बैंक में एलआईसी की 49.24% हिस्सेदारी, सरकार के पास 45.48% और बैंक में गैर-प्रवर्तक हिस्सेदारी 5.29% है।

इस क्रम में सरकार की सलाहकार केपीएमजी कई संभावित खरीदारों से संपर्क कर रही है। इनमें बड़े निजी इक्विटी बायआउट फंड और लॉन्ग-ओनली फंड शामिल हैं।  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगले हफ्ते उन्हें रोड शो के लिए आमंत्रित किया जाएगा। जानकर लोगों का मानना है कि यह वर्चुअल इंटरेक्शन होगा और इसमें सरकारी अधिकारी और बैंक मैनेजमेंट शामिल होंगे।

मामले से जुडे़ एक अध‍िकारी ने बताया कि सरकार IDBI Bank बैंक में अपनी और LIC की हिस्‍सेदारी बेचने पर विशेष जोर है इसके लिए निवेशकों के साथ 25 फरवरी से डिजिटली रूप से रोड शो शुरू होगा इस बैंक में सबसे ज्‍यादा हिस्‍सेदारी LIC की है और सरकार आईपीओ से पहले उस पर से यह बोझ हटाना चाहती है वर्चुअली होने वाले इस रोडशो का मैनेजमेंट दीपम (DIPAM) और केपीएमजी करेगा दीपम ने वर्चुअल रोडशो के दौरान आरबीआई को भी बुलाया है, ताकि वह बैंक में हिस्‍सेदारी खरीदने के इच्‍छुक निवेशकों की पहचान कर सके. साथ ही रिजर्व बैंक बोलीदाताओं की ओर से ईओआई आने के तत्‍काल बाद यह पहचान भी कर सकेगा कि कौन सा निवेशक क्राइटएरिया में फिट होता है

सरकार बेचना चाहती है अपनी पूरी हिस्सेदारी
सरकार बैंक में अपनी पूरी 94.71 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है। इसमें एलआईसी की 49.24% इक्विटी हिस्सेदारी शामिल है, जो मैनेजमेंट कंट्रोल के साथ है। केंद्र सरकार के पास अन्य 45.48% हिस्सेदारी है। बैंक में गैर-प्रवर्तक हिस्सेदारी वर्तमान में केवल 5.29% है। आईडीबीआई बैंक की बिक्री खुली बोली प्रक्रिया के तहत खरीदार की “स्वैच्छिक खोज” भारत में पहला मामला होगा। आमतौर पर इस रास्ते का इस्तेमाल ऐसे बैंकों को बेचने के लिए किया जाता रहा है जो संकट में हैं।

बैंक के शेयर 44.2% ऊपर चढ़े
व्यापार के बड़े आकार को देखते हुए सरकार निवेशकों के फीडबैक के आधार पर अपने पास आंशिक हिस्सेदारी रख सकती है। इस बीच बैंक को बेचने की सूचनाओं के बाद जानकारी मिली है कि वित्तीय स्थिति में सुधार और खराब ऋण के प्रावधान के कारण आईडीबीआई बैंक के शेयरों ने पिछले एक साल में पर 44.2% ऊपर चढ़े हैं, यह एसएंडपी बीएसई बैंक इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, जो इसी अवधि में केवल 3.50% बढ़ा है। लगातार पांच साल के नुकसान के बाद वित्त वर्ष 2011 में यह लाभदायक हो गया। इसके अलावा, एक बीमाकर्ता के रूप में, LIC को आईपीओ से पहले पूर्व-आवश्यकता के रूप में अपने जोखिम से बाहर निकलने के लिए प्रतिबद्ध होना है, इसके लिए DRHP को 13 फरवरी को दायर किया गया था।

आईडीबीआई का बाजार पूंजीकरण 50,482.53 करोड़ रुपए
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तक आईडीबीआई का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 50,482.53 करोड़ रुपए है। केंद्र सरकार ने पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से संपर्क किया है, जिसमें प्रमोटर शेयरहोल्डिंग कैप 26% निर्धारित करने के मानदंडों में छूट की मांग की गई है क्योंकि राज्य ऋणदाता के नए खरीदार के पास अधिक हिस्सेदारी होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मार्ग के तहत निजी बैंकों में कुल विदेशी शेयरधारिता को 74% तक की अनुमति है, और एक पोर्टफोलियो निवेशक केवल आरबीआई की मंजूरी के साथ 5% से अधिक धारण कर सकता है, जिसमें कुछ मामलों में अतीत में छूट दी गई है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि क्या सरकार कॉरपोरेट्स को एक संघ के हिस्से के रूप में वित्तीय प्रायोजकों के साथ सह-निवेश करने की अनुमति देगी।

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