Good News: कर्मचारियों के प्रमोशन और वेतन वृद्धि को लेकर गहलोत सरकार ने किया ये बड़ा फैसला, जारी हुए संशोधित आदेश

जयपुर 

राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है गहलोत सरकार ने कर्मचारियों के प्रमोशन और वेतन वृद्धि को लेकर बड़ा फैसला किया है इस मामले में सोमवार को कार्मिक विभाग की ओर से संशोधित आदेश जारी किए गए

पहली पेशी से पहले ही कठघरे में आया दुनिया का पहला रोबोट वकील, दर्ज हुआ मुकदमा  |  ये लगे इल्जाम, पढ़िए ये दिलचस्प मामला

जारी आदेशों के अनुसार अब राजस्थान में दो से अधिक  संतान वाले कर्मचारियों को प्रमोशन और वेतन वृद्धि से वंचित नहीं  किया जाएगा। इससे दो संतान से अधिक होने की स्थिति में 3 या 5 साल के प्रमोशन, इंक्रीमेंट से वंचित और दंडित होने वाले कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है अब ऐसे सरकारी कर्मचारियों को उसी वर्ष से उसकी मूल वरिष्ठता और पदोन्नति मिल सकेगी, जिस वर्ष से उसका प्रमोशन लंबित कर रखा है

जिस दिन तीसरी या चौथी संतान हुई, उसी दिन उस बच्चे के नाम 50 हजार की एफडी | घटती आबादी के कारण इस समाज ने किया ये फैसला

इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा लाभ
इस बाबत पिछले दिनों कैबिनेट ने इस मामले का अनुमोदन कर दिया था जिसके बाद आज कार्मिक विभाग ने संशोधित अधिसूचना जारी की है जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक दो से अधिक संतान होने पर दंडित होने वाले उन कर्मचारी को बड़ी राहत दी गई है, जिनका प्रमोशन रोक लिया गया था. अधिसूचना जारी होने के बाद 2019-20 में जिनका प्रमोशन ड्यू है, उसे उसी वर्ष से प्रमोशन का लाभ मिल सकेगा वहीं, वेतन वृद्धि का वास्तविक लाभ 3 साल बाद मिलेगा हालांकि सीधी भर्ती से आए नए कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा

आपको बता दें कि राजस्थान में 1 जून 2001 के बाद से दो से ज्यादा संतान होने पर अभी तक 3 साल तक प्रमोशन और उनके साथ वेतन वृद्धि रोकने का भी नियम है इस वजह से कर्मचारी की 3 वर्ष तक की वरिष्ठता भी प्रभावित हो रहीथी, लेकिन अब अधिसूचना में संशोधन से प्रमोशन के साथ मूल वरिष्ठता भी मिलेगी

तीसरी संतान को लेकर की गई सख्ती के बाद कर्मचारियों बीच का रास्ता निकाल लिया था। कर्मचारी अपनी एक संतान को दत्तक के रूप में घोषित कर देते थे, ताकि मिलने वाले लाभ में किसी प्रकार की कटौती नहीं हो सके। इस तरह की लगातार शिकायतें  मिलने के बाद गहलोत सरकार ने दिसंबर 2021 को तीसरी संतान को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया था। कार्मिक विभाग के अनुसार सरकार ने दो से अधिक संतान होने पर पदोन्नति रोकने का यह प्रावधान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लिया था।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी अनाथ आश्रम से या किसी भी पारिवारिक सदस्य से संतान दत्तक लेने से जनसंख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। ऐसे में उसकी संख्या कर्मचारियों की कुल संतानों की संख्या में नहीं गिनी जाएगी।

नोट:अपने मोबाइल पर नई हवा’की खबरें नियमित प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें

पहली पेशी से पहले ही कठघरे में आया दुनिया का पहला रोबोट वकील, दर्ज हुआ मुकदमा  |  ये लगे इल्जाम, पढ़िए ये दिलचस्प मामला

जिस दिन तीसरी या चौथी संतान हुई, उसी दिन उस बच्चे के नाम 50 हजार की एफडी | घटती आबादी के कारण इस समाज ने किया ये फैसला

PNB की महिला अफसर सस्पेंड, कर्मचारियों में भड़का असंतोष | जानिए पूरा मामला

भारत के क़ानूनी पेशे में बड़ा बदलाव, विदेशी वकील और लॉ फार्म को लेकर हुआ ये फैसला, BCI ने जारी किए ये नियम  | यहां जानिए डिटेल

मेडिकल क्लेम के लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं’| कंज्यूमर कोर्ट का बड़ा आदेश

इस यूनिवर्सिटी में निकली प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की वैकेंसी, इस डेट तक कर सकते हैं एप्लाई

कोलकाता उच्च न्यायालय ने अवैध घोषित की 31 कुलपतियों की नियुक्ति, ममता सरकार को बड़ा झटका| नियमों को दरकिनार कर अयोग्य लोगों की कर दी थी नियुक्ति

ट्रेन में TT ने महिला यात्री के सिर पर किया पेशाब, रेलवे ने नौकरी से किया बर्खास्त

ट्रेन के टॉयलेट में पानी नहीं… सीट पर रोक कर बैठा हूं’, शख्स ने रेलवे को किया ट्वीट, यूजर्स ने भी दिए ऐसे मजेदार रिएक्शन कि आप भी नहीं रोक पाएंगे हंसी

OMG! ऐसी शर्त! आठवीं की स्टूडेंट ने आयरन की खा लीं 45 गोलियां, मौत  | पांच की हालत गंभीर