बुलंदशहर
CBI की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी बैंक (Bank) के मैनेजर को एक लाख रुपए की रिश्वत (Bribe) लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। इस मैनेजर ने 80 लाख रुपये की ओवरड्राफ्ट (ओडी) लिमिट बनाने के नाम पर यह रिश्वत ली थी। CBI की टीम ने इस मैनेजर के घर पर छापा भी मारा है। छापे की कार्रवाई के दौरान उसके घर से एक अवैध ऑटोमेटिक विदेशी पिस्टल भी बरामद की गई है।
गाजियाबाद (Ghaziabad) यूनिट की CBI की एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने ने ट्रैप की यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश (UP) के बुलंदशहर (Bulandshahr) में की है जहां उसने बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) के प्रबंधक अंकित मलिक को एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया। 80 लाख रुपये की ओवरड्राफ्ट (ओडी) लिमिट बनाने के नाम पर यह रिश्वत ली गई थी। गिरफ्तारी के बाद टीम बैंक मैनेजर के आवास पर पहुंची और जांच पड़ताल की। जांच के दौरान प्रबंधक के घऱ से एक ऑटोमेटिक विदेशी पिस्टल बरामद हुई। जब प्रबंधक से इसका लाइसेंस मांगा तो वह टीम को कोई लाइसेंस नहीं दिखा सका। पिस्टल पुलिस को सुपुर्द कर दी गई है। वहीं CBI की टीम आरोपी को अपने साथ गाजियाबाद ले गई और वहां विशेष सीबीआइ कोर्ट में पेश किया। जहां से आरोपी अंकित मलिक को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
बताया जा रहा है कि एक बैंक मित्र जावेद द्वारा अपनी पत्नी के नाम 80 लाख रुपये की ओडी लिमिट बनाने के लिए बैंक प्रबंधक से संपर्क किया गया था। जिसके चलते बैंक प्रबंधक द्वारा एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। बिना रिश्वत के लिमिट न बनाए जाने से परेशान बैंक मित्र की ओर से करीब दो माह पहले सीबीआइ टीम को शिकायत दी गई थी। एक सप्ताह पहले सीबीआइ टीम क्षेत्र में पहुंची और टीम के निर्देशों के मुताबिक बैंक मित्र ने चेक के माध्यम से रिश्वत की रकम देने की पेशकश की। पहले तो प्रबंधक ने चेक से रिश्वत लेने से इनकार किया, लेकिन बाद में इसके लिए सहमति दे दी। बैंक मित्र की ओर से बैंक प्रबंधक को रिश्वत की रकम का चेक दिया गया। जब प्रबंधक ने चेक से धनराशि निकाली तो सीबीआइ की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआइ की टीम एक सप्ताह से लगातार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछा रही थी। आरोपी ने पहले तो चेक के माध्यम से रिश्वत लेने से इनकार किया था, लेकिन इसके बाद वह लगातार दो से तीन दिन तक बैंक मित्र को टरकाता रहा। इसके बाद बैंक मित्र को चेक लेकर बुलाया और चेक पर हस्ताक्षर करने के साथ ही धनराशि भरवा ली थी।
सेल्फ भरकर निकाली रकम
जिस चेक के माध्यम से बैंक प्रबंधक को रिश्वत की रकम का भुगतान किया जाना था, उस पर सीबीआइ की टीम ने योजना के तहत रंग लगा दिया। बैंक मित्र की ओर से बिना नाम और खाता संख्या भरे ही चेक बैंक प्रबंधक को दे दिया। इस दौरान टीम में शामिल एक अधिकारी बैंक में मौजूद रहकर प्रबंधक पर नजर रखे हुए थे, जबकि कुछ अधिकारी पीड़ित के साथ बैंक के बाहर मौजूद थे। प्रबंधक ने चेक में नाम के स्थान पर सेल्फ (स्वयं) भरकर धनराशि निकाली और अपनी अलमारी में रखी तो टीम ने तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया।
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