इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें और मनाएं यह दिवाली नेचर वाली

दीपोत्सव और पर्यावरण 

तन्मय गुप्ता  


आज हम बताएंगे कि दिवाली के इस सीजन कैसे आप एनवायरमेंट और इकोलॉजी को हेल्दी रख सकते हैं। और प्रकृति का ख्याल कर सकते हैं… इस दिवाली कुछ ऐसा खरीदिये कि ये जिनसे धुंआ नहीं सिर्फ़ मिठास घुले चरों ओर। जितना आप पटाखों पर खर्च करते हैं, उतने पैसों में आप किसी ज़रूरतमंद को कपड़े और मिठाइयां  खरीदकर दे सकते हैं। इससे पर्यावरण के स्वस्थ्य होने के साथ-साथ उजालों का भी स्वागत हो पाएगा।

आप यह तो जानते ही हैं कि अभी हाल ही में चर्चा में आए हैं – ग्रीन क्रैकर्स जिनको CSIR के वैज्ञानिकों ने बनाया है। ये पटाखे, दूसरे पटाखों की तुलना में 30% कम पल्यूशन करते हैं। इन ‘ग्रीन क्रैकर्स’ को बाज़ारों में उतारने से पहले इन्हें कलर, धुंआ, आवाज़, और POLLUTANTS के लिए टेस्ट किया जाता है।  लेकिन फिर भी पटाखे तो पटाखे हैं, प्रदूषण का स्तर भले ही कम हो, लेकिन यह भी पूरी तरह से पर्यावरण के लिए सुरक्षित नहीं हैं।

अब हम बता रहे हैं कि इसका बेहतर उपाय क्या है दिवाली पर खुशियां मनाने का। पटाखों के बजाय बेहतर यही है कि सभी लोग शांति से पल्यूशन फ्री दिवाली मनाएं। दिवाली शोर-शराबे या फिर पॉल्यूशन का नहीं बल्कि खुशियों का मीठा त्यौहार है। आपकी दिवाली को ख़ास बनाने के लिए आप चॉकलेट्स, मिठाइयां और नए कपड़े जैसी चीजें गिफ्ट कर सकते हैं, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी की खुशियों की मिठास दुगनी कर देंगी और आपको पटाखों की कमी भी महसूस नहीं होने देंगी। पहले ही हम ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज और हर दिन प्रदूषित हवा में जी रहे हैं। फ़िलहाल, हमें इन सभी मुद्दों के खिलाफ़ साथ में लड़ना चाहिए।

हम जानते हैं कि पिछले सालों में, दिवाली के एक दिन बाद भारत के कई बड़े शहरों की एयर क्वालिटी बहुत ज़्यादा गिर गई थी। एयर क्वालिटी इंडेक्स में मुंबई का रैंक 361 था तो दिल्ली और कोलकाता का 420। जबकि भारत में 100 एयर क्वालिटी इंडेक्स को ही सही समझा जाता है। इन शहरों के लगभग 3 करोड़ लोग हद से ज़्यादा प्रदूषित हवा में साँस ले रहे थे। दिवाली, टिमटिमाते दीपकों का त्योहार है ना कि  धुआं-धुआं कर देने वाले पटाखों का।

इन पांच तरीकों को अपनाकर मनाएं ईको-फ्रेंडली दिवाली
सालभर हम सभी रोशनी के सबसे बड़े त्योहार दिवाली का इंतज़ार करते हैं। पूरे घर की सफाई और सजावट के साथ ही हम अलग-अलग तरीके से खुशियां मनाते हैं। लेकिन जाने-अनजाने अपने घर को सजाने और खुशियां मनाने के चक्कर में हम पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाते देते हैं। ऐसे में कई लोग ईको फ्रेंडली दिवाली को बढ़ावा देने की बात करते हैं। लेकिन अगर आपको ये समझ नहीं आता कि आखिर पटाखों के बिना दिवाली मनाएं कैसे, तो हम आपको बताते हैं कि आप कैसे, मज़ेदार तरीके से ईको फ्रेंडली दिवाली मना सकते हैं।

ये तो सबको पता है कि पटाखों से प्रदूषण होता है। इसलिए बिना पटाखों की दिवाली मनाना सबसे अच्छा तरीका है प्रदूषण को रोकने का। लेकिन इसके साथ ही कई और कारण हैं, जिनसे हम पर्यावरण को दूषित कर देते हैं। ऐसे में हमें, घर में मेहमानों के स्वागत से लेकर घर को सजाने तक कई बातों को ध्यान में रखना होगा- वो बातें जो ध्यान में रखनी हैं पर्यावरण के लिए।

1. लोकल कारीगरों से मिट्टी के दीए ख़रीदकर आप ईको फ्रेंडली दिवाली मना सकते हैं। घर सजाने के लिए इलेक्ट्रिक समान और तरह-तरह की लाइट्स से बढ़िया है कि आप लोकल बाज़ार में मिट्टी के दीए  बनाने वालों से दीए खरीदें। इससे आप लोकल कारीगरों को बढ़ावा दे सकेंगे। आप इन दीयों को घर में अपने बच्चों और परिवार के साथ अलग-अलग तरीके से सजा भी सकते हैं। अगर ये दीए  कच्ची मिट्टी से बने होंगे, तो इसे आप पानी में डालकर मिट्टी का रूप दे सकते हैं।

2. जब घर में मेहमान आएं,  उनको खाना परोसने के लिए ईको-फ्रेंडली कटलरी का आप इस्तेमाल इस्तेमाल करें। ये एक इनोवेटिव और eco friendly तरीका है दिवाली का वक्त दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ खुशियां मनाने का सबसे अच्छा वक्त होता है। ऐसे में सभी अपने घर में पार्टी ऑर्गेनाइज करते हैं। इस दौरान अगर आप प्लास्टिक की कटलरी का इस्तेमाल करते हैं, तो इसकी जगह आप ईको-फ्रेंडली कटलरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप स्टील के बर्तनों या फिर प्राकृतिक पत्तों से बने प्लेट्स में भी खाना परोस सकते हैं। इस तरह आप अपने घर से निकलने वाले प्लास्टिक वेस्ट को आराम से कम कर सकते हैं।

3. रंगोली के लिए घर पर ही ऑर्गेनिक रंग आप बना सकते हैं और मना सकते हैं ईको फ्रेंडली दिवाली आपको भी लगता है ना की दिवाली रंगोली के बिना अधूरी है और आप भी बाज़ार में केमिकल वाले रंगों से रंगोली बनाते हैं? तो आप इस बार इसे भी ईको-फ्रेंडली रूप दे सकते हैं। यकीन मानिए घर पर ईको-फ्रेंडली रंगोली के रंग बनाना बेहद आसान है। आप चावल के आटे में नेचुरल रंग मिलाकर पाउडर तैयार कर सकते हैं। आप हल्दी या फल और सब्जियों के जूस को चावल के आटे में मिलाकर कर अलग-अलग रंग तैयार कर सकते हैं और इसे बाद में रंगोली बनाने के लिए इस्तेमाल करें। ये रंग पूरी तरह से ऑर्गेनिक होंगे।

4.अब दोस्तों दिवाली की शुरुआत ही होती है घर की सफाई से। ऐसे में हम बिना सोचे-समझे घर की हर फालतू चीज़ कचरे में फेंक देते हैं। ऐसा करके हम अपने घर को तो बढ़िया साफ कर लेते हैं, लेकिन अपने आस-पास के पर्यावरण को दूषित कर देते हैं। एक जिम्मेदार नागरिक के नाते हम अपने घर से निकलने वाले सारे कचरे को अलग-अलग तरीके से डिस्पोज़ करके ईको फ्रेंडली दिवाली मना सकते हैं। जैसे- जो प्लास्टिक की चीज़ें काम की नहीं हैं, उन्हें रीसायकल में दें। इलेक्ट्रिक चीजों को अलग जगह पर दें और किचन से निकले कचरे को अलग जगह पर डिस्पोज़ करें। इस तरह आप अपने घर के साथ अपने आस-पास के पर्यावरण को भी साफ बनाए रखेंगे।

5. दिवाली की सफाई के दौरान कई पुरानी चीज़ें हाथ लगती हैं जो अब काम में नहीं आती है। इसलिए पुराने चीज़ों को जरुरतमंदों में डोनेट कर दें दिवाली का वक्त खुशियां मनाने का है, तो क्यों न ऐसे समय में उन लोगों के साथ खुशियां बाटें, जो आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं। अपने घर का वह सामान, जो आप सालों से इस्तेमाल न करते हों या जो कपड़े आप न पहनते हों, उन्हें ज़रूरतमंदों को डोनेट कर सकते हैं। इस तरह से हम उनके जीवन में भी खुशियों के कुछ रंग भर सकते हैं।

ये भी आजमाएं
इसके अलावा, कई और तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर आप दिवाली में ईको-फ्रेंडली रंग भर सकते हैं। फिर दिवाली के तोहफों को चमकीले प्लास्टिक में देने के बजाय, हैंडमेड पेपर में पैक करें। इस दिवाली, इस्तेमाल हुई चीज़ों को फेंकने के बजाय, संभालकर रखें और अगले साल फिर से इस्तेमाल करें। इस तरह आप प्लास्टिक वेस्ट भी कम करेंगे और पर्यावरण को भी साफ-सुथरा रख सकेंगे।

हम देसी दिवाली मनाएं, दोस्तों को प्लास्टिक में नहीं, बल्कि केले के पत्तों में तोहफे दें तो ऐसा कर सकते हैं। अगर आप पहले से ही, गिफ्ट रैपिंग के अच्छे और eco friendly तरीकों की तलाश कर रहे हैं, तो आपके लिए एक बेहतरीन उपाय है। किसे क्या गिफ्ट देना है, कितनी मिठाइयां बनवानी है? इन सब चीज़ों की तैयारी ज्यादातर घरों में पहले से ही कर ली जाती है। लेकिन अब जब उपहारों का एक्सचेंज होगा, तो गिफ्ट्स को wrap करने में बहुत ज्यादा प्लास्टिक और कागज के रैपर्स का भी इस्तेमाल होगा। अब प्लास्टिक के नुकसान के बारे में तो हम सब जानते ही हैं और कागज़ के लिए पेड़ों को काटा जाता है, यह भी जानते हैं। क्यों न यह दिवाली, प्रकृति वाली मनाई जाए। प्लास्टिक के जगह हम केले के पत्तों को यूज कर सकते हैं गिफ्ट्स wrapमें।

ये बताने की जरूरत नहीं है कि  केले के पत्ते eco friendly होते हैं और । साथ ही,  उपयोग में आने के बाद अगर इसे कहीं फेंक भी दिया जाए, तो यह आसानी से डिग्रेड हो जाते हैं। केले के पत्ते आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं और सस्ते भी होते हैं। अगर आप पैकेज को सजाना चाहें, तो अपने आस-पास मिलने वाली किसी और प्राकृतिक चीज का उपयोग कर सकते हैं।आप पैकेज को सजाने के लिए फूलों या जामुन का भी उपयोग कर सकते हैं। इससे आपका उपहार थोड़ा अलग भी दिखेगा। इसलिए इन आसान स्टेप्स को फॉलो कर और  मनाएं यह दिवाली नेचर वाली।

(लेखक RJ और प्रोटिविटी गुरुग्राम में एनिमेटर व सीनियर आर्टिस्ट हैं )

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