नई दिल्ली
केंद्र सरकार टैक्सपेयर्स की दिक्कतों को दूर करने के लिए इनकम टैक्स सिस्टम में बाद बदलाव करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों की मानें तो सरकार मौजूद आयकर अधिनियम को खत्म कर नया आयकर अधिनियम लाने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय इस पर तेजी से काम कर रहा है। नए आयकर अधिनियम से उन धाराओं को हट दिया जाएगा जिनकी कोई जरूरत ही नहीं है या उन से टैक्स पेयर्स को दिक्कतें हो रही हैं। नए आयकर अधिनियम की 2025 के बजट में घोषणा हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नया आयकर अधिनियम लाने के पीछे सरकार का मकसद टैक्स सिस्टम सरल बनाना है। इसके तहत करीब 125 धाराओं और उपधाराओं को समाप्त किया जा सकता है। ये धाराएं और उपधाराएं वे हैं जिनकी कोई आवश्यकता नहीं है और इनकी वजह से टैक्स पेयर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। माना जा रहा है कि सरकार आयकर अधिनियम में सुधार कर जल्दी ही संशोधित ‘आयकर कानून’ देश के सामने लाएगी। इसके जरिए सरकार टैक्स व्यवस्था को यथासंभव सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि अधिक से अधिक लोग टैक्स के दायरे में आएं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केन्द्रीय वित्त मंत्रालय इस पर समीक्षा कर रहा है और एक्सपर्ट्स के साथ परामर्श कर रहा है। इस दिशा में कदम उठाने के लिए सरकार की ओर से सुझाव भी मांगे गए थे। सरकार को बड़ी संख्या में सुझाव भी मिले टैक्स दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान और सरल बनाने के मांग सर्वाधिक थी। सभी का यह आग्रह था कि टैक्स दाखिल करना आसान बनाने और अनुपालन बोझ को कम किया जाए।
जल्दी ही दिया जाएगा अंतिम रूप
एक रिपोर्ट्स के अनुसार नए आयकर अधिनियम की समीक्षा और अंतिम रूप देने का काम अक्टूबर-नवंबर तक पूरा हो जाएगा। सुधार का उद्देश्य कर संहिता को अधिक व्यापक बनाना, अनुपालन बोझ को कम करना और टैक्सपेयर्स के लिए स्पष्टता में सुधार करना है। इस बदलाव के तहत एक्सपेंडेचर, निवेश, होल्डिंग, संपत्ति, देनदारियों के लिए नई तालिकाएं पेश की जाएंगी, जबकि आय सोर्स के लिए जांच की प्रक्रिया भी पेश हो सकती है।
1962 में लागू हुआ था आयकर अधिनियम 1961
आयकर अधिनियम -1961; 1 अप्रैल, 1962 को लागू हुआ था और आज तक पूरे भारत में लागू है। 2020 में सरकार ने एक नए टैक्स सिस्टम की शुरुआत की थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 (असेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए, 72% टैक्सपेयर्स ने इस नए टैक्स सिस्टम के तहत अपना रिटर्न दाखिल किया था। भारत में इनकम टैक्स सिस्टम 1860 में सर जेम्स विल्सन द्वारा लागू किया गया था, जो स्वतंत्रता-पूर्व भारत के वित्त मंत्री थे। साल 1857 के सैन्य विद्रोह के कारण सरकार को हुए वित्तीय घाटे की भरपाई के लिए यह व्यवस्था लागू की गई थी।
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