राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री के सामने रखीं स्कूल – कॉलेज- यूनिवर्सिटी शिक्षकों की समस्याएं और बताई नई शिक्षा नीति की परेशानी

नई दिल्ली 

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भेंट कर स्कूल – कॉलेज- यूनिवर्सिटी शिक्षकों की समस्याओं को सामने रखा और साथ ही विद्यालय एवं उच्च शिक्षा की धरातलीय परिस्थितियों  से अवगत करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल करने में आ रही दिक्कतों के बारे में अवगत कराया।

OPS लागू करने और सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने की मांग
महासंघ के अध्यक्ष प्रो. जेपी  सिंहल ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष पुरानी पेंशन योजना लागू करने, सभी स्तरों पर शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने, देशभर में शिक्षकों के रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरे जाने की मांगें उठाईं।

 प्रो.सिंहल ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री के सामने विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में समुचित आधारभूत संरचना विकसित करने, शिक्षा के व्यापारीकरण को रोकने, स्ववित्तपोषित शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों की आर्थिक सुरक्षा हेतु समुचित प्रबंध करने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप शिक्षकों का समुचित प्रशिक्षण करने और वोकेशनल विषयों हेतु प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्त करने जैसे विषयों पर भी विस्तार से पक्ष रखा गया।

स्कूली शिक्षकों को गैर शैक्षिक कामों से किया जाए मुक्त
प्रो.सिंहल के अनुसार शिक्षा मंत्री के सामने विद्यालय शिक्षा के अंतर्गत शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्त करने की मांग भी उठाई गई और साथ ही विद्यालय शिक्षा के अंतर्गत ही सातवें वेतनमान की सिफारिशों को समान रूप से लागू करने, उच्च योग्यता धारी शिक्षकों को अतिरिक्त वेतन वृद्धि देने, प्राथमिक शिक्षकों को विधान परिषद में मत देने का अधिकार प्रदान करने, प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही दिए जाने को सुनिश्चित करने, समुचित छात्र शिक्षक अनुपात के साथ प्रति कक्षा न्यूनतम एक शिक्षक की नियुक्ति करने आदि समस्याओं के समाधान की मांग की गई ।

यूजीसी रेगुलेशन 2018 के प्रावधानों को देशभर में समान रूप से लागू किया जाए
उच्च शिक्षा से संबंधित समस्याओं के बारे में जानकारी देते हुए महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से यूजीसी रेगुलेशन 2018 के प्रावधानों को देशभर में समान रूप से लागू करने, विसंगति निवारण समिति के रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए यूजीसी रेगुलेशन 2018 की कमियों को दूर करनेकी मांग की गई।

महासंघ की शिक्षा मंत्री से उच्च शिक्षा में सेवारत शिक्षकों को पीएचडी कोर्स वर्क से मुक्त करने या ऑनलाइन व्यवस्था करने, सेवारत शिक्षकों को पीएचडी पात्रता परीक्षा से मुक्त करने, प्राचार्य पद का कार्यकाल सेवानिवृत्ति आयु तक करने, शोध जर्नल्स की यूजीसी केयर लिस्ट की समस्याओं के समाधान करने, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान हेतु बजट बढ़ाने, डिजिटल एवं ऑनलाइन शिक्षा की सीमा तय करते हुए डिजिटल डिवाइड की बाधाओं को दूर करने आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई ।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिया भरोसा
लगभग दो घंटे तक चली भेंटवार्ता में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने महासंघ के द्वारा प्रस्तुत विषयों को गहराई से समझा तथा केंद्र सरकार द्वारा हो रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए समस्याओं के समुचित समाधान का विश्वास दिलाया।

प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष एवं महामंत्री के अलावा संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, सह संगठन मंत्री जी. लक्ष्मण, उच्च शिक्षा संवर्ग प्रभारी महेंद्र कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष निर्मला यादव, अतिरिक्त महामंत्री नारायण लाल गुप्ता, संजय कुमार राउत, उपाध्यक्ष मोहन पुरोहित तथा सचिव डॉ. गीता भट्ट शामिल थे।

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