रेलवे पेंशनरों के लिए ई पास की बाध्यता खत्म

नई दिल्ली / झांसी 

रेलवे के पेंशनरों को अब पास के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। उनकी परेशानी को देखते हुए  रेलवे बोर्ड ने पेंशनरों को ऑनलाइन ई पास लेने की बाध्यता को खत्म कर दिया है। आपको बता दें कि रेलवे के पेंशनरों को पिछले एक साल से ई पास निकालने में बहुत  असुविधा हो रही थी। अब रेलवे बोर्ड ने पेंशनरों को ऑनलाइन ई पास लेने की बाध्यता को खत्म कर बड़ी राहत प्रदान की है।

दरअसल रेलवे पांच साल की नौकरी पूरी करने वाले अपने कर्मचारियों को ट्रेन में मुफ्त यात्रा करने के लिए सालाना तीन सुविधा पास व चार पीटीओ उपलब्ध कराता है। सुविधा पास में कोई किराया नहीं लगता, जबकि पीटीओ में किराए का एक तिहाई पैसा देना पड़ता है। पांच साल से कम नौकरी वाले कर्मचारियों को साल में एक सुविधा पास व चार पीटीओ मिलते हैं। 

इसी तरह सेवानिवृत्त ग्रुप सी कर्मचारी को साल में दो व ग्रुप डी कर्मचारी को एक पास मिलता है। पीटीओ भी आधे हो जाते हैं। कर्मचारी की मौत के बाद ग्रुप सी वाले कर्मी के आश्रित (पत्नी या पति) को साल में एक व ग्रुप डी वाले कर्मी के आश्रित को एक साल छोड़कर एक साल पास मिलता है।

पिछले साल एक नवंबर से रेलवे ने पास व पीटीओ को ऑनलाइन कर दिया था। इस सुविधा को ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (HRMS ) से जोड़ दिया गया था। मगर तभी से अधिकांश पेंशनरों को ऑनलाइन ई पास निकालने में असुविधा हो रही है। वह पास को ऑनलाइन अपलोड नहीं कर पा रहे थे । इस समस्या को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने अब ई पास की बाध्यता को खत्म कर दिया है। पेंशनर पूर्व की तरह कार्यालय आकर पास ले सकते हैं। लेकिन जब वे कार्यालय में पास लेने आएंगे तो उनको ऑनलाइन के लिए जागरूक अवश्य किया जाएगा।

ऐसे प्राप्त करें ई-पास व पीटीओ

  • इंटरनेट पर एचआरएमएस एप खोलने बाद कर्मचारी को अपनी एचआरएमएस आईडी डालनी है।
  • टेस्ट एट दा रेट ऑफ 123 से पासवर्ड को बदला जा सकता है।
  • आईडी डालने के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी नंबर आएगा।
  • ओटीपी डालते ही आगे की प्रक्रिया बढ़ती जाएगी।
  • आगे की प्रक्रिया में आप पास का हाफ या फुट सेट या पीटीओ के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • पारिवारिक जानकारी भरने के बाद जिन स्टेशनों के बीच आप यात्रा करने वाले हैं, उनका कोड डालना होगा।
  • ब्रेक जर्नी की सुविधा भी प्राप्त कर सकते हैं।
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