नई दिल्ली
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ(ABRSM) ने वर्तमान परिस्थिति में शिक्षा व्यवस्था के संबंध में एक सुझाव पत्र राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के अध्यक्ष को भेज कर मांग की है कि शिक्षकों के लिए एक पेशेवर मानक संहिता तैयार की जाए।
महासंघ के महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा ने बताया कि संगठन का मत है कि शिक्षण जैसे महत्वपूर्ण पेशे में शिक्षकों के लिए एक पेशेवर मानक संहिता होना परम आवश्यक है। शिक्षण कार्य में समग्र सुधार के लिए न केवल शिक्षक, बल्कि संपूर्ण तंत्र के प्रत्येक घटक जैसे ब्लॉक, जिला, राज्य स्तर के अधिकारियों के लिए भी व्यावसायिक मानक तय किए जाने चाहिए। सिंदनकेरा के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेखित नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड्स फॉर टीचर्स के संबंध में संगठन ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के अध्यक्ष को दिए हैं।
शिवानंद सिंदनकेरा ने कहा कि संगठन का स्पष्ट मत है कि शिक्षक को विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, देशभक्ति, सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण एवं संविधान के प्रति सम्मान की भावना जैसे मूल्यों का विकास करना चाहिए। सामुदायिक कार्यकलापों में भागीदारी सुनिश्चित कर विद्यार्थियों को सामाजिक कुरीतियों के दुष्प्रभाव समझाते हुए उनमें समरसता एवं राष्ट्रीय एकात्मता के भाव का विकास किया जाना चाहिए। इन सभी जिम्मेदारियों के समुचित निर्वाह के लिए शिक्षक को ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तरीय जिम्मेदार संस्थानों एवं अधिकारियों का स्वस्थ सहयोग अति आवश्यक है।
सिंदनकेरा ने कहा कि शिक्षकों को उनकी कमजोरियों के विषय में हतोत्साहित न कर स्वस्थ प्रशिक्षण द्वारा उनका मनोबल बढ़ाया जाना चाहिए। अशैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ऊर्जा को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। शिक्षक की उपस्थिति, उसके विद्यार्थियों का परीक्षा में प्रदर्शन, विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उसकी सहभागिता, राज्य व राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार, मानक शैक्षिक सामग्री विकसित करने में योगदान, शिक्षक का विभिन्न कार्यक्रमों में संदर्भ व्यक्ति के रूप में सहभाग, शिक्षक के विद्यार्थियों का उसके विषय से संबंधित राष्ट्रीय/ राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में सहभाग और प्रदर्शन, अपने शिक्षण संस्थान को स्वस्थ एवं हरा भरा रखने में योगदान, शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित विभिन्न खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में सहभाग, विभिन्न जनरल, मैगजीन में लेख या शोध पत्र का प्रकाशन आदि मानकों के आधार पर शिक्षकों को समय पूर्व प्रमोशन, सेवा विस्तार या अतिरिक्त वेतन वृद्धि देकर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
ये भी पढ़ें
- भजनलाल सरकार का एक्शन; ERCP योजना की जमीनों की नीलामी निरस्त | किरोड़ी लाल मीणा ने की थी शिकायत
- हरित बृज सोसायटी ने शुरू किया परिंडे लगाने का महा अभियान
- वैर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय का नया भवन तैयार, 4 मई को होगा लोकार्पण
- व्यापार महासंघ ने राजनैतिक दलों द्वारा व्यापारियों की उपेक्षा पर जताई चिंता | लगाया आरोप- किसी भी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में व्यापारियों का नहीं रखा ध्यान
- यूजीसी ने करियर एडवांसमेंट योजना में रेगुलेशन 2010 के विकल्प को 31 दिसंबर तक बढ़ाया
- अखिल भारतीय न्यायिक अधिकारी एसोसिएशन का गठन, जानें कौन क्या बना
- सलमान खान के घर फायरिंग करने वालों को हथियार सप्लाई करने वाले ने पुलिस कस्टडी में किया सुसाइड
- आर्य समाज का चार दिवसीय वेद प्रवचन, सत्संग एवं संगीतमय भजन कार्यक्रम का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ
- जयपुर में अधिवक्ता रेवन्यू न्यायिक कार्य का करेंगे बहिष्कार | राजस्व अपील प्राधिकारी का पद भरने की कर रहे हैं मांग
- सेवा भारती सूरतगढ़ के वार्षिकोत्सव में बच्चों ने दी भव्य प्रस्तुति
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जे.पी सिंघल, महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा, संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर, सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह, उच्च शिक्षा संवर्ग प्रभारी महेन्द्र कुमार, अतिरिक्त महामंत्री डॉ.निर्मला यादव, कोषाध्यक्ष संजय राउत, उपाध्यक्ष पी वेंकट राव, सचिव मोहन पुरोहित, संयुक्त सचिव पवन मिश्रा, उच्च शिक्षा संवर्ग के संयुक्त सचिव डॉ.नारायण लाल गुप्ता के नेतृत्व में ये सुझाव तैयार कर भेजे गए हैं।