लखनऊ
उत्तर प्रदेश में रविवार को तीसरे दौर की बातचीत के बाद बिजली कर्मचारियों की हड़ताल ख़त्म हो गई। करीब 65 घंटे चली हड़ताल से UP में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया था। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और बिजली कर्मचारी नेताओं के बीच तीसरे राउंड की बैठक में हड़ताल ख़त्म करने पर सहमति बनी। इसके बाद बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने हड़ताल खत्म होने का ऐलान किया।
शैलेंद्र दुबे ने कहा, “सरकार ने जिन 3000 बिजली कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किया है। उनको वापस लिया जाएगा। इसके अलावा, 22 लोगों पर एस्मा और 29 लोगों पर लगे मुकदमे वापस होंगे। उन्होंने बताया कि यह हड़ताल ऊर्जा मंत्री के आश्वासन और हाईकोर्ट के सम्मान के लिए वापस हुई है। उन्होंने कर्मचारियों से तत्काल काम पर वापस लौटने की अपील की।
तीसरे राउंड की बैठक दोपहर दो बजे हुई थी। ये बैठक करीब 20 मिनट तक चली। जिसमें ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज और बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मीडिया से कहा कि विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने हड़ताल वापस ले ली है। इस दौरान सरकार की तरफ से जितनी भी दंडात्मक कार्रवाई की गई है। उसे वापस लिया जाएगा। संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी नहीं होगी। जिन 22 कर्मचारी नेताओं पर एस्मा लगाया गया था। उसका भी हटाया जाएगा। इसके अलावा कर्मचारियों के खिलाफ जो 29 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। सरकार उसको भी वापस लेगी। कर्मचारियों की मांगों पर जल्द ही वार्ता कर उसका निस्तारण किया जाएगा।
संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए आने वाले समय में बात करके हल किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से भी कहा है कि प्रदेश में जहां कहीं भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो, उसे शीघ्र संचालित किया जाए। साथ ही कर्मचारी कार्यस्थल पर जाकर अपनी ड्यूटी करें।
ये थे हड़ताल के मुख्य कारण
- बिजली उत्पादन इकाइयों का निजीकरण
- ऊर्जा निगम अध्यक्ष का नियम विरुद्ध चयन
- नोएडा जैसे शहरों में प्राइवेट कंपनियों से बिजली सप्लाई का ठेका वापस लेने की मांग
- ओबरा और अनपरा की नई विद्युत उत्पादन इकाइयों को NTPC को देने पर असहमति
14 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे कर्मचारी
दरअसल, बिजली विभाग के कर्मी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसको लेकर दिसंबर में सभी मांगों को पूरा किए जाने का आश्वासन दिया गया था।कर्मचारियों की कई मांगों के अलावा संविदा कर्मियों के वेतन और विभाग में हो रही कई अनियमितता को दूर करने की मांग शामिल है।
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