नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पांच नए जजों की नियुक्ति को शनिवार को हरी झंडी दे दी है। राष्ट्रपति भवन से इनकी नियुक्ति का परवाना जारी होने के बाद अब ये जज सोमवार को शपथ ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले साल दिसंबर में ही इन नामों की सिफारिश की थी। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट में अब 32 जज हो गए हैं। जबकि यहां 34 जजों के पद स्वीकृत हैं।
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जिन पांच नामों को मंजूरी मिली है, उनमें राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मिथल, पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार, पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल है। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट में अब 32 जज हो गए हैं। जबकि यहां 34 जजों के पद स्वीकृत हैं।
आपको बता दें कि एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति को स्वीकृति ना मिलने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि हमें सख्त फैसले लेने को मजबूर ना करें। इस बीच, यूपी के प्रयागराज में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मैंने आज एक मीडिया रिपोर्ट देखी, जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है। भारतीय संविधान हमारा मार्गदर्शक है। कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता।
दो और नामों को मिल सकती है मंजूरी
अगले हफ्ते में उम्मीद है कि दो और जजों के नामों की सिफारिश को केंद्र सरकार अपनी मंजूरी दे दे। इन दो नामों की सिफारिश भी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में की है। उन नियुक्तियों को मंजूरी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट फिर से पूर्ण क्षमता वाला हो जाएगा। हालांकि इस साल औसतन हर डेढ़ महीने में एक जज का रिटायरमेंट है। यानी कुल 9 जज इस साल 65 साल के हो जाएंगे और उनकी सेवानिवृत्ति इस साल तय है।
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