नई दिल्ली
अपनी सुंदरता के लिए चर्चित भारत के राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम अब बदल दिया गया है। राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नाविका गुप्ता ने मुगल गार्डन का नाम बदले जाने की जानकारी दी। मुग़ल गार्डन को देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। यहां पर 138 किस्म के गुलाब, 10 हजार से ज्यादा ट्यूलिप बल्ब और 70 अलग-अलग प्रजातियों के लगभग 5 हजार मौसमी फूलों की प्रजातियां हैं।
मुग़ल गार्डन को हर साल स्प्रिंग सीजन में जनता के लिए खोला जाता है। अब इसे ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा। राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नाविका गुप्ता ने बताया कि आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के बगीचे को ‘अमृत उद्यान’ के रूप में नया नाम दिया है। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश आजादी का अमृत महोत्सव मन रहा है। माना जा रहा है कि इसी वजह से मुग़ल गर्दन का नाम बदल कर अमृत उद्यान किया गया है।
इस साल 31 जनवरी से 26 मार्च तक खुला रहेगा अमृत उद्यान
इस गार्डन को देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने आम लोगों के लिए खुलवाया था, तब से आज तक हर साल स्प्रिंग सीजन में इसे जनता के लिए खोला जाता है। अमूमन यह दो महीने के लिए आम लोगों के लिए खोला जाता है। इस साल भी यह आम लोगों के लिए खुलने वाला है। अमृत उद्यान डपोहर बारह बजे से रात नौ बजे तक खुला रहेगा। गार्डन को देखने के लिए ऑन लाइन बुकिंग की सुविधा भी दी जाएगी। इस साल यह 31 जनवरी से 26 मार्च तक आम लोगों के लिए खुला रहेगा। इस साल मानसून के सीजन में भी इसे खोले जाने की योजना है। इस अब लोग साल में दो बार इस गार्डन का दीदार कर सकेंगे।
15 एकड़ में फैले इस गार्डन का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान किया गया था। कहावत है कि मुगल गार्डन देश के राष्ट्रपति भवन की आत्मा है। मुगल गार्डन का एक हिस्सा खास गुलाब की किस्मों के लिए जाना जाता है। अंग्रेजी वास्तुकार सर एडवर्ड लुटियन्स द्वारा राष्ट्रपति भवन और मुगल गार्डन को डिजाइन किया था।
बारह हिस्सों में बंटा है मुगल गार्डन
मुगल गार्डन 12 हिस्सों में बंटा है। इसमें रोज गार्डन के साथ ही बायो डायवर्सिटी पार्क, हर्बल गार्डन, बटरफ्लाई, म्यूजिकल फाउंटेन, सनकीन गार्डन, कैक्टस गार्डन, न्यूट्रीशियन गार्डन और बायो फ्यूल पार्क भी है। जहां लोग सैर करते हुए तरह-तरह के फूलों को देख सकते हैं। यहां आपको ट्यूलिप, मोगरा-मोतिया, रजनीगंधा, बेला, रात की रानी, जूही, चम्पा-चमेली जैसे ढेरों अलग अलग तरह के फूल देखने को मिल जाएंगे।
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