सार: हाईकोर्ट के एक जज ने CBI की धीमी चाल पर जबरदस्त नाराजगी जाहिर की और CBI को आदेश दिया कि वह संबंधित मामले में सात दिवस में रिपोर्ट दर्ज करें। अन्यथा वह इसकी पीएम नरेंद्र मोदी से शिकायत कर देंगे। इतना ही नहीं मामले में जांच कर रहे अधिकारियों की सम्पत्तियों की जांच के भी आदेश देंगे।
मामला पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला का है जिसमें CBI सुस्त जांच और लापरवाही को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने यह नाराजगी जाहिर की। जज ने कहा कि उन्हें सीबीआई पर बिल्कुल भरोसा नहीं रह गया। ऐसा लगता है कि जैसे लंदन की जांच संस्था एमआई-5 को बुलाना होगा। ऐसा लगता है कि जैसे मुझे यह जांच करनी पड़ेगी। जज ने कहा,’लगता है ये सीबीआई फर्जी है।’ इस टिप्पणी के बाद सीबीआई के अधिकारी कोर्ट में सिर झुकाए खड़े रहे।
जज ने कहा कि सीबीआई उम्मीदों के अनुरूप काम नहीं कर रही है। आखिर इतना ढीला ढाला रवैया क्यों है। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने पूछा, सीबीआई फर्जी लगती है। ऐसा लगता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से जांच को संभालना होगा और प्रधानमंत्री को रिपोर्ट भेजनी होगी। क्या जांच प्रक्रिया को ब्रिटिश खुफिया एजेंसी सौंपने की जरूरत है। उन्होंने सीबीआई की एसआईटी के सदस्यों की संपत्ति का ब्योरा मांगा।
फ़ाइल को बिलकुल छूना मत’
न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने एजेंसी को सात दिनों में एक रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया है और कहा कि ऐसा नहीं करने पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत कर देंगे। इससे पहले मंगलवार को पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को कलकत्ता हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई थी। लापरवाही बरतने पर नाराज जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने एक अधिकारी को जांच से हटा दिया था। साथ ही कहा था कि फाइल को बिल्कुल छूना मत।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा था कि बिना देरी किए जांच अधिकारी सोमनाथ विश्वास को जांच से हटाना होगा। आपको बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती घाटाला मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, उसमें सोमनाथ भी हैं।
सोमनाथ इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी हैं। जांच में जो जिम्मेदारी उनको दी गई थी, उसमें उन्होंने लापरबाही बरती। इसके साथ ही उन पर कई और गंभीर आरोप भी लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने जांच को गलत दिशा में मोड़ने की भी कोशिश की है।
जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीबीआई को तृणमूल कांग्रेस के विधायक मानिक भट्टाचार्य से पूछताछ पूरी करने और 10 फरवरी तक अदालत में रिपोर्ट पेश करने को भी कहा। जस्टिस ने मानिक भट्टाचार्य की विदेश यात्राओं, खासकर उनकी लंदन यात्राओं का विवरण पेश करने को कहा था।
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