जयपुर
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में स्टॉफिंग पैटर्न (Rajasthan Staffing pattern) लागू होने के बाद अब शिक्षा विभाग में नए शिक्षकों की नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। नया पैटर्न लागू होने के बाद इन स्कूलों में शिक्षकों के दस हजार पदों का सृजन कर दिया गया है। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने मंगलवार को शाला दर्पण पोर्टल पर स्टॉफिंग पैटर्न का आगाज किया।
सरकारी स्कूलों के लिए जो 10 हजार नए पद सृजित किए गए हैं उनमें वरिष्ठ अध्यापक के 121, लेवल 2 शिक्षकों के 1927, लेवल 1 शिक्षकों के 5736, शारीरिक शिक्षक के 2232 पद शामिल है। जिन्हें नए स्टाफिंग पैटर्न के बाद राजस्थान के सरकारी स्कूलों में नियुक्तियां दी जाएगी।
शिक्षा विभाग की ओर से पिछले 2 साल में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में बढ़े नामांकन के साथ शिक्षकों के नए पदों को स्वीकृति दी है। इसके बाद छात्रों के अनुपात के आधार पर अब स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति होगी।
आपको बता दें कि पिछले दो सालों में राजस्थान के सरकारी स्कूलों में लगभग 5 लाख से ज्यादा नए नामांकन हुए हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग ने स्टाफिंग पैटर्न लागू कर हर स्कूल में शिक्षकों के नए पद सृजित किए हैं। अब हर स्कूल में छात्रों की संख्या के आधार पर शिक्षकों को लगाया जाएगा।
सबसे ज्यादा फायदा शारीरिक शिक्षकों को
स्टाफिंग पैटर्न लागू होने के बाद सबसे ज्यादा फायदा शारीरक शिक्षकों को होगा। पहले जहां स्कूलों में 120 विद्यार्थियों पर एक शारीरक शिक्षक की नियुक्ति होती थी। वहीं अब नए स्टाफिंग पैटर्न के बाद 105 विद्यार्थियों पर एक शारीरिक शिक्षक नियुक्त होगा। इसके साथ ही स्कूल में अल्पसंख्यक भाषा अध्ययन करने के इच्छुक 10 या इससे अधिक विद्यार्थी होने पर स्कूल में एक या एक से अधिक तृतीय भाषा के अध्यापक का अतिरिक्त पद भी आवंटित किया गया है।
शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान सरकार शिक्षा में सुधार के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 सालों में 5 लाख से ज्यादा नए नामांकन हुए हैं। ऐसे में गुणवत्ता युक्त शिक्षा छात्रों तक पहुंच सके, इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्टाफिंग पैटर्न के आधार पर हर विद्यालय को नए शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
कल्ला ने बताया कि (Education Minister BD Kalla) 0 से 60 बच्चों का नामांकन होने पर लेवल-1 के दो अध्यापक लगाए जाते हैं और 61 से 90 बच्चों का नामांकन होने पर तीन अध्यापक लगाते हैं। इसी अनुपात में यह संख्या बढ़ती जाती है। इसी तरह 150 से अधिक बच्चों के नामांकन पर एक हेडमास्टर का पद स्कूल में दिया जाता है। यह प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद शारीरिक शिक्षक के पद भी बढ़े हैं।
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