सीकर
राजस्थान में रविवार देर रात दर्दनाक हादसा हुआ। एक ट्रक और कार में जबरदस्त भिड़ंत हो गई जिसमें पांच दोस्तों की मौत हो गई। पांचों दोस्त सालासर दर्शन करने जा रहे थे कि ओवरटेक करते हुए उनकी कार ट्रक से जा टकराई। बताया गया एक मृतक के काफी मिन्नतों के बाद 40 दिन पहले ही पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी। इसी मन्नत पूरी होने पर दोस्तों के साथ सालासर महाराज के धोक लगाने गए थे; इसी दौरान यह हादसा हो गया।
हादसा सीकर जिले में नेशनल हाइवे 58 पर फतेहपुर-सालासर मार्ग पर गांव विक्रम सरा के पास हुआ। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी मृतकों के शवों को अपने कब्जे में लेकर राजकीय उपजिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया दिया। सभी मृतक हरियाणा के निवासी बताए जा रहे हैं। घटना के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया। वहीं, सूचना पर पहुंची पुलिस ने वाहनों को हटाकर रास्ता खुलवाया।
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पुलिस के अनुसार सभी मृतक हरियाणा के फतेहाबाद इलाके के रहने वाले थे। उनकी कार ने गांव विक्रम सरा के पास आगे चल रहे वाहन को ओवरटेक करने की कोशिश की, इस दौरान कार सामने से आ रही ट्रक से भिड़ गई। जोरदार धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, जिन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सभी के शव कार के भीतर ही फंस गए। आज तड़के जैसे ही क्षेत्र में यह दुखद खबर पहुंची तो शोक की लहर दौड़ गई।
इनकी हुई मौत
अजय कुमार पुत्र जय सिंह जाट निवासी बाडरी पालसर जिला फतेहाबाद, अमित पुत्र ईश्वर सिंह निवासी भुतनकला जिला फतेहाबाद, संदीप पुत्र शमशेर सिंह निवासी भुतनकला फतेहाबाद, मोहनलाल पुत्र राधेश्याम निवासी फतेहाबाद और प्रदीप पुत्र प्रतापसिंह निवासी भूतल कला जिला फतेहाबाद। मृतकों में से पांडरी पालसर निवासी अजय शादीशुदा था और उसका 40 दिन का बेटा है। मोहन भी शादीशुदा था। संदीप पुत्र शमसेर सिंह, अमित, प्रदीप अभी अविवाहित थे। मोहनलाल गांव में मेडिकल स्टोर चलाता था जबकि प्रदीप स्टूडेंट था। बाकी युवक खेतीबाड़ी करते थे।
एक दोस्त की मन्नत पूरी होने पर सालासर दर्शन करने गए थे
बताया गया मृतक अजय के काफी मिन्नतों के बाद 40 दिन पहले ही पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी। मन्नत पूरी होने पर दोस्तों के साथ सालासर महाराज के धोक लगाने रविवार शाम 4 बजे गांव से निकले थे। बच्चा होने की खुशी में 24 जनवरी को दसोठन का कार्यक्रम था। अजय के दादा ने उसे दसोठन के बाद सालासर जाने को कहा था। अजय चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था। पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी। खुद खेती-किसानी करता था।
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