पानी के लिए संघर्ष रहेगा जारी: पंडित रामकिशन | मांग- ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे सरकार

भरतपुर 

भरतपुर के वयोवद्ध नेता और पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पानी के मुद्दे पर भी भाजपा और केन्द्र सरकार राजस्थान के 13 जिलों के साथ अन्याय कर रही है। भाजपा नेताओं की आपसी गुटबाजी का नुकसान करीब तीन करोड़ जनता भुगत रही है। उन्होंने कहा कि किसान और जनता पानी के लिये त्रस्त है और भाजपा के नेता जनता को गुमराह और घिनौनी राजनीति कर रहे है। पत्रकार वार्ता में पंडित रामकिशन के साथ उनके सहयोगी और किसान नेता इन्दल सिंह जाट और मोहन सिंह गुर्जर भी थे।

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इन तीनों नेताओं ने कहा कि ईआरसीपी (ERCP) प्रोजेक्ट के बनाते समय जिले के छूटे महत्वपूर्ण बांधों को राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शामिल किया है जिसके लिए वह धन्याद के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में इस योजना में केवल भरतपुर जिले का बंध बारैठा ही शामिल था। बाकी दोनों बांधों को सम्मलित कराने के लिये लगातार संघर्ष किया और मुख्यमंत्री ने बात मानी और सीकरी और अजान बांध को भी ERCP में शामिल किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भरतपुर जिले में अनेक पूर्व सांसद और विधायक रहे, कई तो प्रभावशाली भी रहे है;लेकिन वो अधिकांश घर बैठे जनता के पैसे से पेंशन ले रहे हैं। उन्होंने पानी और रोजगार जैसे मुद्दों को भी नहीं उठाया।अगर जिले तथा दूसरे जिलों के भी पूर्व सांसद, विधायक कोशिश करते तो यह मांग आगे बढ़ सकती थी।

रामकिशन ने कहा कि हमने वर्ष 2007 में पानी के लिये जो लड़ाई शुरू की थी। अब बो आगे बढ़ने लगी है और यह लड़ाई ईआरसीपी के राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि हम लोग कई जिलों के किसानों के साथ 31 जुलाई को जयपुर में मुख्यमंत्री से मिले थे और सभी जिलों के छूटे बांधों को सम्मलित करने की मांग रखी थी जिस पर तुरन्त फैसला करते हुए मुख्यमंत्री ने भरतपुर जिले के महवपूर्ण सीकरी और अजान बांध को इआरसीपी ( पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ) में शामिल कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में भी इआरसीपी को लेकर केवल मुख्यमंत्री ने ही आवाज उठाई है लेकिन कांग्रेस के संगठन और विधायक, मंत्री भी इसमें जोर लगाते तो केन्द्र सरकार पर दवाव बनता लेकिन कांग्रेस के भी अधिकांश नेता इस पर चुप बैठे रहे।

इन नेताओं ने कहा कि पानी के सवाल पर राजनीति नहीं होनी चाहिये। जनता पानी के लिये परेशान है। भरतपुर और दूसरे जिलों में भी खेती खतरे में हैं और जनता भी पीने के पानी के लिये तरस रही है। इन नेताओं ने कहा कि उनका आन्दोंलन सभी जिलों में जारी है और उसे तेज किया जायेगा। इन नेताओं ने जनता से भी अपील कि है की वो पानी की इस लड़ाई में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि आगे भरतपुर के नौजवानों को रोजगार मिले तथा गरीब को सरकार आवासीय जमीन उपलब्ध कराये तथा यमुना जल के लिये भी आन्दोलन शुरू करेंगे।

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