भरतपुर
जिस नगर निगम ने दो साल तक हाईमास्क लाइट लगाने के बाद उसकी कोई सुध नहीं ली; वह मीडिया में खबर प्रकाशित होते ही बिजली की गति से दौड़ पड़ा और दो घंटे में ही उसको चालू कर दिया। जवाहर नगर वार्ड 43 में स्थित कब्रिस्तान इलाके में दो साल पहले चार लाख रुपए की लागत से ये हाईमास्क लाइट लगाई गईं थीं; पर जलीं सिर्फ चार दिन। दर्जनों बार लिखा पढ़ी हुई लेकिन निगम पर कोई असर नहीं पड़ा। पार्षद भी दुखी होने पर मीडिया तक पहुंचे और अपनी बात रखी। आखिर आज इसका समाधान हुआ।
भरतपुर नगर निगम की ये हैं हाईमास्क लाइट! ये सिर्फ लगी हैं, जलती नहीं
पार्षद दीपक मुदगल कि दो वर्ष से लगातार शिकायत दर्ज कराते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। निगम ने उक्त लाइट को हमेशा सही बताकर शिकायत बंद कर दी। पार्षद के अनुसार रात्रि में शव दफनाने के लिए आने वाले लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था, वो अपने साथ रोशनी का साधन साथ लेकर आते थे।
मुदगल ने कहा कि जब मीडिया ने मामले को सामने रखा तो आज दो घंटे में ही निगम द्वारा ठीक कर दिया गया। सुनसान जगह पर रोशनी होने से यहां के स्थानीय नागरिकों को भी राहत मिलेगी। आसपास होने वाली चोरियों व राहगीरों को भी राहत मिलेगी। पार्षद ने समस्या का समाधान करने पर सभी का आभार व्यक्त किया है।
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