जयपुर
पूरे राजस्थान में 108 और 104 एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल जारी ग्यारह दिन से जारी है; लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं की है। इसके विपरीत आंदोलन को दबाने के लिए नई भर्ती शुरू करने का हथकंडा अपनाना शुरू कर दिया गया है। गिरफ्तारियां भी की जा रही हैं। एम्बुलेंसकर्मी राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले ठेकाप्रथा को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।
एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के कारण प्रदेश के हजारों गंभीर बीमार और हादसों मून घायल लोग परेशानी झेल रहे हैं। हड़ताल के कारण पीड़ितों को एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण कई जगह से उनकी मौत होने की भी सूचनाएं मिली हैं। इसके बावजूद सरकार की तरफ से इस आंदोलन को समाप्त करवाने की दिशा में कोई पहल अभी तक नहीं की गई है।
अब इस हड़ताल के बीच 108 एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी राजस्थान स्टेट हेड विजय सिंह ने नए कार्मिकों की भर्ती किए जाने की बात कही है। वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से पांच एंबुलेंस कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने इसे दमनकारी नीति बताते हुए कहा कि कर्मचारियों के हक की लड़ाई को नई भर्तियां कर दबाने की कोशिश की जा रही है। इससे एंबुलेंस कर्मियों में सरकार के प्रति गहरा रोष है। उन्होंने मांग पूरी नहीं होने तक आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी।
एंबुलेंस कर्मचारी ठेका प्रथा को बंद कर संविदा कर्मचारी मानकर स्थाईकरण करने की मांग कर रहे हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थाईकरण का लाभ मिलता है, लेकिन एंबुलेंस कर्मचारी आज भी कम वेतन में काम करने के लिए मजबूर है। उन्होंने सरकार से संविदा रूल्स 2022 में शामिल करने की मांग की है।
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