भरतपुर
किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) शनिवार को भरतपुर पहुंचे और महाराजा सूरजमल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद एक बातचीत में साफ़ किया कि वे किसानों के चुनाव लड़ने के पक्षधर नहीं हैं। उनका कहना था कि किसान खुद किंग मेकर है, उसे चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं। उन्होंने कृषि कानूनों की वापसी को किसानों की जीत करार दिया।
पंजाब में किसान नेताओं के चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच पूछे गए सवालों पर टिकैत ने कहा कि किसान चुनावों से दूर ही अच्छा है। उन्होंने कहा कि किसान किंग मेकर है और उसे चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं है। क्योंकि बिना चुनाव लड़े ही उसके सारे काम हो जाते हैं। टिकैत ने कहा कि किसान को न चुनाव लड़ने की जरूरत, न हार जीत का सवाल है।
राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून बनाया, उसको वापस लिया। कृषि कानून को लेकर किसानों और सरकार के बीच समझौता हुआ। उन्होंने कहा किसानों की जीत हुई। उन्होंने कहा कि देश में आंदोलन और आंदोलनकारी मजबूत रहना चाहिए। देश में ये मजबूत रहेंगे तो कोई परेशानी नहीं होगी। टिकैत ने भरतपुर के महाराजा सूरजमल को अपना प्रेरणास्रोत बताया।
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