रेलवे के दो इंजीनियर निकले बेहिसाब दौलत के मालिक, छापे में बरामद हुए 2.19 करोड़, CBI कर रही है जांच

नई दिल्ली 

हाल ही में पकड़े गए घूस के एक बड़े मामले में रेलवे के दो इंजीनियर बेहिसाब दौलत के मालिक निकले हैं। छापे  की कार्रवाई के दौरान इनके पास से 2.19 करोड़ की नकदी बरामद हो चुकी है। अभी इनकी बेहिसाब दौलत को और खंगाला जा रहा है। CBI मामले की जांच में जुटी हुई है। CBI ने  गुवाहाटी, पटना और नोएडा समेत नौ जगहों पर आरोपियों के परिसरों पर छापेमारी की थी। मामले में निजी कम्पनी के दो और लोगों को पकड़ा गया है।

गिरफ्तार  आरोपियों के नाम नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के मुख्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियर वीके उपाध्याय और उप मुख्य विद्युत अभियंता (इलेक्ट्रिकल) रंजीत कुमार बोरा हैं। अब तक की छानबीन में पता चला है कि जिन इंजीनियर वीके उपाध्याय और रंजीत कुमार बोरा के पास से 2. 19 करोड़ बरामद किए गए हैं, वे बेहिसाब दौलत के मालिक निकले हैं। इनमें बोरा को गुवाहाटी से उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह एक निजी कंपनी से 15 लाख रुपए की घूस ले रहा था।

मामले में नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के मुख्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियर वीके उपाध्याय की मिलीभगत भी सामने आई। इसके बाद CBI की टीम ने छापा मारा तो इनके पास से 2.19 करोड़ की नकदी बरामद की गई। इसमें से लगभग 2.13 करोड़ रुपए  की नकदी और नोएडा में तीन फ्लैट की जानकारी उपाध्याय के परिसरों से बरामद की गई थी।

बोरा के मिले छह लाख नकद और फ्लैट की जानकारियां
CBI के अनुसार बोरा के परिसरों पर खोजबीन के दौरान एजेंसी ने करीब छह लाख रुपए  नकद बरामद किए और छह फ्लैट की जानकारी प्राप्त की। ये फ्लैट बोरा और उसके परिजनों के नाम पर हैं और इनमें से एक फ्लैट गुवाहाटी में भी है। सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि आरोप है कि बोरा नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे की परियोजनाओं में पटना की एक कंपनी सन शाइन डिवाइस प्राइवेट लिमिटेड का पक्ष ले रहे थे।

इंजीनियर और पटना के निजी कंपनी के बीच गठबंधन
सूत्रों के अनुसार घूसखोरी को लेकर इंजीनियर और पटना के निजी कंपनी के बीच गठबंधन बना हुआ था। कम्पनी का कर्मचारी  नीरज कुमार भी पकड़ा गया है। नीरज कुमार रिश्वत लेनदेन का माध्यम बना हुआ था। इस मामले में पटना स्थति निजी कंपनी का निदेशक चिंतन जैन को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार एजेंसी आरोपियों के बैंक खतों और लॉकर्स आदि को भी खंगाल रही है। 

काम के बदले कंपनी ने दो बेनामी संपत्तियां
दी आरोप है कि बोरा को उसके काम के बदले कंपनी ने दो बेनामी संपत्तियां दी थीं। इसके साथ ही सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने जैन को पूर्व में अनुचित लाभ देने और भविष्य में भी इसी तरह की मदद का वादा करने के एवज में फ्लैट के बदले  2.10 करोड़ रुपए  की रिश्वत मांगी थी।

कम्पनी का ले रहे थे पक्ष
सीबीआई के मुताबिक बोरा, उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे की परियोजनाओं में पटना स्थित सन शाइन डिवाइस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का पक्ष ले रहे थे। सीबीआई कई बिंदुओं पर मामले की छानबीन में जुटी है।
मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने तब छापेमारी की थी जब कंपनी के निदेशक चिंतन जैन का एक कर्मचारी नीरज बोरा को रिश्वत दे रहा था। इसके बाद सीबीआई ने बोरा, जैन और नीरज कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। जांच के दौरान सामने आया कि इस मामले में वीके उपाध्याय की भूमिका भी थी। इसके बाद उपाध्याय को हिरासत में लिया गया था।

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