‘प्रयास’ के 27वें स्थापना दिवस पर बौद्धिक रूप से विकलांग बच्चों ने दी भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

जयपुर 

प्रयास वोकेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मेंटली हैंडीकैप्ड (बौद्धिक रूप से विकलांग) का 27वां स्थापना दिवस सोमवार रंगायन थिएटर में जवाहर कला केंद्र के सहयोग से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और गणेश वंदना के साथ भगवान गणेश का आह्वान करके किया गया। इसके बाद पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया, जहां सभी कक्षाओं के टॉपर्स और कुछ शिक्षकों को ट्रॉफी, सर्टिफ़िकेट, किताबें/नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में पद्मश्री हुसैन ब्रदर्स, जस्टिस एनके जैन, एनके गुप्ता, डॉ. एसएस अग्रवाल, केएल जैन, एमएल गोयल, ओपी अग्रवाल, डॉक्टर संजीव शर्मा, डॉ. भवानी शंकर मिश्रा एवं अन्य गणमान्य अतिथियों और प्रयास में अध्यनरत बालकों के माता-पिता के साथ ही छात्रों से खचाखच भरे सभागार में 27 साल की यात्रा का उत्सव मनाने के लिए पूरी प्रयास की सहक्रियात्मक भागीदारी देखी गई, जो 5 बच्चों के साथ शुरू हुई और वर्तमान में 7000 से अधिक लोगों को छू रही है।

प्रयास के सचिव और राजस्थान उच्च न्यायालय में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेश कुमार बंसल ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी और बताया कि प्रयास की कठिन यात्रा में चुनौतियों पर काबू पाने में खुशी और दुख के क्षण, छोटी लेकिन महत्वपूर्ण जीत, प्रशंसा, अवसर, असफलताएं और कोविड महामारी के कारण हुई प्रतिक्रिया शामिल है।  उन्होंने बताया कि कैसे, प्रयास उभरा और सफलतापूर्वक फिर से गति पकड़ ली और माता-पिता और समुदाय की सक्रिय भागीदारी, हमारे सशक्तिकरण और मुख्यधारा की पहल से पता चलता है कि हमने अब इसे पीछे छोड़ दिया है।

चेयरपर्सन डॉ. मनोज भट्ट सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक ने प्रयास के वर्तमान तथा  और भविष्य के विज़न के बारे में संक्षेप में बात की। उन्होंने कहा कि मशहूर हस्तियों के दौरे हमें प्रेरित करते हैं, लेकिन हमें अभी भी मीलों आगे बढ़ना है और वादा करना है।  हमारी खोज अनवरत जारी रहेगी क्योंकि हमारे लक्ष्य पोस्ट आगे बढ़ते रहेंगे।  प्रयास न केवल एकीकरण और समावेशन में अग्रणी के रूप में, बल्कि हमारे युवा छात्रों को कल के स्वतंत्र और प्रतिष्ठित वयस्क बनने के लिए तैयार करके मुख्यधारा में लाने के लिए भी लगातार प्रयास और प्रयास करता रहेगा।

कार्यक्रम में वंचित वर्ग, नियमित बच्चों,  विकलांग बच्चों और डिप्लोमा अनुभाग के छात्रों ने नृत्य, गीत, योगासन, प्रदर्शन और नाटक में अपनी भव्य प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया। भगवान के प्यारे नन्हे स्वर्गदूतों को रंग-बिरंगे परिधानों में मंच पर प्रस्तुतियां करते देख आगंतुक रोमांचित हो उठे।

व्यावसायिक प्रशिक्षण और मुख्य स्ट्रीमिंग पहल के हिस्से के रूप में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों द्वारा बनाए गए उत्पादों (कैरी बैग, जूट कढ़ाई वाले बैग, बंधेज लहरिया दुपट्टे और स्कार्फ) की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। प्रदर्शनी में इन बच्चों की अद्भुत प्रतिभा देखने को मिली। आपको बता दें कि इसमें बिक्री से प्राप्त आय का कुछ हिस्सा बच्चे के बैंक खाते में भी जमा किया जाता है।

कार्यक्रम का समापन संस्था के उपाध्यक्ष और सेवानिवृत्त आयकर महानिदेशक डी.डी. गोयल के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

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