इआरसीपी को लेकर किसान होने लगे लामबंद, 9 को दौसा कलेक्ट्रेट पर किसानों का धरना | भुसावर के गांवों में हुई पंचायत

भुसावर 

सिंचाई के पानी और इआरसीपी को 50% जल निर्भरता पर मंजूर कराने की मांग को लेकर किसान एक बार फिर आंदोलन के लिए लामबंद होने लगे हैं। गांव-गांव में किसान कर रहे हैं। इन बैठकों में किसानों ने कहा कि चम्बल के पानी पर हमारा अधिकार है उसे लेकर रहेंगे।

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भुसावर क्षेत्र के ग्राम नैवाड़ा और जहानपुर में सोमवार नववर्ष के दिन किसानों की अलग-अलग सभाएं आयोजित हुई। इन सभाओं में किसान संघर्ष समिति के संयोजक इन्दल सिंह जाट ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार और भाजपा ने किसानों को गुमराह करने तथा योजना में किसान विरोधी कांट छांट की तो आगामी चुनावों में भाजपा को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को सिंचाई का पानी केवल योजना के 50% जल निर्भरता पर ही मंजूर करने से ही मिलेगा और अगर किसान को पानी नहीं मिला तो किसान आन्दोलन करेंगे।

इन्दल सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा सही नहीं लग रही। क्योंकि वह पीकेसी बनाने की बात कह रही है और उसमें पानी और कृषि क्षेत्र में कटौती की बात आ रही है और जिम्मेदार अधिकारी राजनेता चुप्पी साधे बैठे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इआरसीपी के बारे में किसानों में मंजूर करने के नाम पर वातावरण ज्यादा बनाने की कोशिश में लगी है। जब इआरसीपी भी भाजपा के राज में इन्हीं अधिकारियों ने बनाई थी और ये अधिकारी इआरसीपी को तकनीकी और कानूनन सही बता चुके हैं तो फिर इसे बदलने की जरूरत क्यों पड़ रही हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों के गहरे पातालतोड़ टयूबवैल सूख गये हैं। भूजल बहुत गहरा पहुंच चुका है। पानी छोड़ चुके बोर की बजह से रबी की महत्वपूर्ण फसल के बर्बाद होते देख किसान दुःखी हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह व्यवस्था करके सिंचाई पानी की व्यवस्था करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि आश्चर्य इस बात पर है कि जब इआरसीपी की जल निर्भरता से कई गुना अधिक पानी बेकार चम्बल नदी से बहकर समुद्र में जा रहा है तो फिर सरकार उस पानी को किसानों को क्यों देना नहीं चहाती जबकि भरतपुर जिले में तो सिंचाई का पूराना ढांचा भी तैयार है। उन्होंने कहा कि भरतपुर, दौसा, करौली, अलवर, टोंक, अजमेर, जयपुर में भी खेत बंजर पड़े हैं। सिंचाई के पानी का कोई प्रबंध नहीं है। सभी जिलों को इआर सीपी की जरूरत है।

किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री भरतपुर के रहने वाले हैं। उन्हें स्वयं इस पर ध्यान देकर किसानों को खेती के लिये सिंचाई के पानी का इंतजाम कराना चाहिये।

किसानों ने इन बैठकों में तय किया कि वे संगठन को और मजबूत करेंगे तथा सिंचाई पानी के लिये जरूरत पड़ी तो आन्दोलन के लिये सभी तैयार हैं।

इन बैठकों में युवा जाट महासभा के जिला अध्यक्ष तपेन्द्र अन्नू ठाकुर, जगदीश फोजदार सरसैना, भूरी सैनी झालाराला, याद राम बौद्ध, हरेन्द्र सिंह सरपंच, राम दयाल जाटब पूर्व सरपंच, डा. योगेश कुमार, बबली सिंह जाट, रामेश्वर चौधरी, हरगोविन्द डागुर, सम्पत सिंह, विजय सिंह डागुर, अनिल कुमार, प्रणव सिंह, कप्तान सिंह, सुमित गुर्जर, सोनू प्रतिनिधि पंचायत समिति सदस्य सरसैना सहित अनेक किसानों ने विचार प्रकट किये।

नैवाड़ा पंचायत की अध्यक्षता पंडित छैलबिहारी तथा जहानपुर पंचायत की अध्यक्षता पूर्व सरपंच अतर सिंह चौधरी ने की। संचालन सरपंच हरेन्द्र सिंह ने किया।

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