बैंक का पूर्व असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट निकला महाठग, अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए 19.80 करोड़ | इस्तीफ़ा देकर भाग निकला, फिर ऐसे पकड़ा गया

नई दिल्ली 

बैंक में करीब बीस करोड़ रुपए का गबन कर लेने की एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है एक बैंक का असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट ही महाठग निकला  उसने ग्राहकों के खातों से 19.80 करोड़ रुपए अपने खातों में ट्रांसफर कर लिए और जैसे ही इस मामले का भंडाफोड़ हुआ; बैंक का यह असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट ई-मेल से इस्तीफ़ा भेज कर फरार हो गया, लेकिन उसकी फरारी लम्बे समय तक नहीं चली और वह दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के हाथों पकड़ा गया

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मामला दिल्ली का है जहां की पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने करीब 20 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में RBL बैंक के पूर्व असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट नागेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है RBL शिकायत दी थी कि नई दिल्ली बाराखंबा रोड की शाखा में असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट के पद पर तैनात नागेंद्र कुमार ने 7 अगस्त, 2020 को बैंक के दो अकाउंट होल्डर के अकाउंट से 19 करोड़ 80 लाख अपने दो अलग-अलग बैंकों के अकाउंट में ट्रांसफर कर लिएरकम ट्रांसफर करने के बाद नागेंद्र कुमार ने उसी दिन ईमेल से अपना इस्तीफा भेज दिया थाऔर वह लगातार गिरफ्तारी से बच रहा था।

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बैंक के अकाउंट होल्डर ने कैश में गड़बड़ी की शिकायत की तो जांच बैठी जांच में जब बैंक को पता लगा कि इस तरीके से नागेंद्र कुमार ने अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए हैं, तो आरबीएल बैंक ने बैंकों से पैसे रिटर्न करने का आग्रह किया था जानकारी के मुताबिक बैंक के अनुरोध पर कुछ रकम तो एक बैंक ने वापस कर दी थी, लेकिन कुछ रकम टेक्निकल कारणों से नहीं रिटर्न हुई थी

केस दर्ज करने के बाद जब पुलिस नागेंद्र की तलाश में निकली, तो पता लगा कि वह फरार हो चुका है  पुलिस लगातार नागेंद्र को तलाश रही थी  इस बीच पुलिस को पता लगा कि नागेंद्र कुमार दिल्ली में वसंत कुंज इलाके में है, जिसके बाद ईओडब्ल्यू की टीम ने नागेंद्र कुमार को वसंत कुंज इलाके से गिरफ्तार कर लिया  इस मामले में आगे की जांच जारी है

पुलिस ने कहा कि नागेंद्र के पास बैंक खातों के संबंध में होस्ट टू होस्ट बैंकिंग सिस्टम (सिक्योर फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) की अनुमति थी, जहां से पैसे ट्रांसफर किए गए थे। 7 अगस्त, 2020 को लगभग 05.18 बजे, नागेंद्र ने आठ लेनदेन वाली दो फंड ट्रांसफर फाइलें बनाईं और उन्हें इन कंपनियों के फोल्डर में होस्ट करने के लिए बैंकिंग सिस्टम (सिक्योर फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) में अपलोड किया।

अधिकारी ने कहा- उसके बाद बैंक के कैश मैनेजमेंट सिस्टम ने स्वचालित रूप से इन फाइलों को भुगतान के लिए भेज दिया, 6.9 करोड़ रुपये नागेंद्र के खाते में स्थानांतरित कर दिए गए लेकिन बैंक के अनुरोध पर आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वापस कर दिए गए, जबकि एचडीएफसी बैंक द्वारा 10 करोड़ रुपये स्वीकार नहीं किए गए क्योंकि लाभार्थी का नाम बेमेल था जबकि 2.90 करोड़ रुपये दैनिक सीमा के उल्लंघन के कारण स्थानांतरित नहीं किए गए थे। अधिकारी ने कहा, बैंक खाताधारकों से ठगी गई राशि को स्थानांतरित करने के बाद, वह उसी तारीख को शाम 05.44 बजे इस्तीफे भेजने के बाद बैंक से चला गया।

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