जामताड़ा
सरकारी स्कूलों का एक ऐसा मामला सामने आया है जिनमें साप्ताहिक अवकाश रविवार को नहीं बल्कि जुमा यानी शुक्रवार के दिन होता है। और यह कोई एक विद्यालय का मामला नहीं बल्कि ऐसा सैंकड़ों सरकारी स्कूलों में हो रहा है। दिलचस्प ये है कि यह कोई सरकारी आदेश से नहीं बल्कि स्थानीय मुस्लिमों के दबाव में हो रहा है। अब जब इस पर बवाल मचा तो सरकार ने इसकी जांच कराने के आदेश दिए हैं।
मामला देश के झारखण्ड राज्य का है जहां के जामताड़ा जिले में स्थानीय लोगों ने नियमों को तोड़ कर सरकारी स्कूलों पर मनमाने तरीके से अपने ही नियम थोप दिए। इलाके के सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं जिनमें रविवार को साप्ताहिक अवकाश नहीं होता, बल्कि शुक्रवार (जुमा) को छुट्टी रहती है। इन स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर साप्ताहिक अवकाश में बदलाव का भी उल्लेख है।
जानकारी के अनुसार इलाके के कुछ मुस्लिम युवकों ने नियम बदलने की शुरुआत यह कहते हुए कर दी कि इलाके में 70 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी है और यहां के स्कूलों में मुस्लिम बच्चे भी अधिक हैं। इसलिए यहां रविवार को पढ़ाई होगी और शुक्रवार जुमा के दिन छुट्टी रहेगी।इन युवकों ने पहले शुरुआत 2-3 स्कूलों से की थी। फिर बाद में यह मनमर्जी 100 से ज्यादा स्कूलों तक पहुंच गई।
स्कूलों के नाम तक बदल कर ‘उर्दू स्कूल’ कर दिया
मनमानी देखिए स्कूलों के नाम तक बदल दिए गए। इलाके के कई स्कूलों के नाम के आगे उर्दू शब्द भी जोड़ दिया गया है। यह तब है जबकि इन स्कूलों में ना तो उर्दू पढ़ाई जाती है और ना ही यहां उर्दू का कोई टीचर है। इन स्कूलों में कई जाति-धर्म से आने वाले बच्चे भी पढ़ते हैं। मामले को लेकर जहां शिक्षक कुछ भी बोलने से बच रहे थे, वहीं अफसरों का कहना था कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी ही नहीं है।
मरांडी ने ट्वीट कर यह लिखा
दूसरी ओर मामले को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, ‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, आप झारखंड को किस ओर ले जा रहे हैं? समाज में ज़हर घोलने वाली ऐसी अंसंवैधानिक कार्रवाई पर न सिर्फ़ तुरंत रोक लगाइये बल्कि ऐसे समाज विरोधी ताक़तों पर कठोर कार्रवाई कीजिये।’
बवाल मचा तो एक्शन में आई सरकार
सरकारी स्कूलों में रविववार की बजाए जुमा के दिन साप्ताहिक अवकाश का नियम थोपने को लेकर जैसे ही बवाल मचा, झारखण्ड की सरकर एक्शन में आ गई। राज्य सरकार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। डिप्टी कमिश्नर फैज़ अहमद ने कहा है कि जांच के बाद ही पूरे मामले का पता चलेगा और उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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