दर्द
रचना शर्मा, एडवोकेट और एक्सपर्ट, महिला उत्पीड़न मामले
पलकों की कोर से ढलकतेउस से पहलेरोक दिया उसनेउन आंसुओं कोजो बहना चाहते थेकहना चाहते थेदर्द की दास्तान
पर उसे मालूम हैआंसुओं के साथबह निकलेंगेकुछ कतरे जख्म केउसके जख्मों को मनाही हैचौखट पार करने की
क्योंकि औरत की आहजब घर से बाहर जाती हैतो घर की इज्जत के हवाले से निकल पड़ते हैं रूढि़यों के ठेकेदार अनगिनत सवालों के पैने हथियार लिए
इसलिए चुप रहते हैं औरत के सारे जख्म काश! इन जख्मों कोकोई चीख मिल पातीतो उसके साथ हीआंसुओं को भीआँखों की कैद सेरिहाई मिल पाती ….
महिला वकीलों के लिए अनूठी पहल, इस हाईकोर्ट ने बना दी ये पॉलिसी
हाथ बांध कर प्रार्थना करते हैं इस स्कूल के बच्चे, दहशत इतनी कि शीश भी नहीं नवाते, वजह जानेंगे तो रह जाएंगे हैरान
निर्ममता की हद! बुरी तरह पीटा, बाल खींचे, जमीन पर पटका, मन नहीं भरा तो पति ने पत्नी के कंधे पर बैठ जुलूस निकाला
रेलवे शुरू कर रहा है ये स्पेशल सीट, फायदे जानकर माताएं हो जाएंगी खुश
बुढ़ापा पैरों से ऊपर की ओर शुरू होता है!