मुम्बई
इनकम टैक्स (IT) डिपार्टमेंट ने मुंबई और पुणे में बुधवार को बॉलीवुड की 4 हस्तियों के ठिकानों पर छापा मारा। दोनों शहरों में आयकर विभाग को छापेमारी में कुछ ऐसे दस्तावेज और सबूत मिले हैं जिनके आधार पर जांच का दायरा और बढ़ सकता है। इसमें कई बॉलीवुड हस्तियों नाम सामने आ सकते हैं। 30 जगह IT की सर्च चल रही है। टैक्स चोरी के केस में विभाग की ओर से यह छापेमारी की जा रही है। इनमें एक्ट्रेस तापसी पन्नू, निर्माता अनुराग कश्यप, विकास बहल और मधु मंटेना शामिल हैं। ये छापेमारी फैंटम फिल्म्स से जुड़ी है। आयकर विभाग को कंपनी के कामकाज और लेनदेन में गड़बड़ी का शक है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी के बाद से ट्विटर पर भी अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू ट्रेंड हो रहे हैं। अनुराग कश्यप को गैंग्स ऑफ वासेपुर, ब्लैक फ्राइडे जैसी लोकप्रिय फिल्मों के लिए जाना जाता रहा है। राजनीतिक, सामाजिक मुद्दों पर भी वह अकसर अपनी बात रखते रहे हैं।
2018 में फैंटम फिल्म्स को कर दिया गया था भंग
मधु मंटेना की टैंलेट मैनेजमेंट कंपनी Kwaan के दफ्तर पर भी आयकर अधिकारी पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि यह कंपनी फैंटम फिल्म्स से जुड़ी थी। कंपनी को अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवानी, मधु मंटेना और विकास बहल ने 2010 में लॉन्च किया था। इन चारों पर आरोप है कि फैंटम फिल्म से हुई कमाई का सही से ब्यौरा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दिया गया। अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवाने, प्रोड्यूसर मधु वर्मा मंतेना और विकास बहल ने मिलकर फैंटम फिल्म्स का गठन किया गया था। इसके बाद मार्च 2015 में इस कंपनी की 50 फीसदी हिस्सेदारी रिलायंस एंटरटेनमेंट ने खरीद ली थी। कई हिट फिल्में फैंटम मूवीज के बैनर तले बनी थीं, लेकिन अंत में 2018 में यह कंपनी उस वक्त भंग कर दी गई, जब विकास बहल पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे।
महाराष्ट्र के मंत्रियों ने की केंद्र की आलोचना
आयकर छापों को लेकर महाराष्ट्र के मंत्रियों ने केंद्र की कड़ी आलोचना की है। महाराष्ट्र की महिला और बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर में कहा, ‘देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं है। केंद्र अपनी एजेंसियों का इस्तेमाल लोगों को परेशान करने के लिए कर रहा है। केंद्र के खिलाफ बोलने की वजह से इन कलाकारों के घरों पर रेड की गई है।’ एक अन्य मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा, ‘ये रेड कोई नई बात नहीं हैं। आजकल तो यह रोज का मामला हो गया है। जो भी केंद्र सरकार के खिलाफ बोलता है, उस पर दबाव बनाने के लिए सरकार यह तरीका अपनाती है। सरकार ऐसे माध्यम से लोगों की आवाज बंद करने का काम कर रही है।’
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