कभी रो देना भी अच्छा होता है, भावनाएं जला देना भी अच्छा होता है। माना कि रोज लड़ते हो किसी ना किसी से, कभी-कभी हार मान लेना भी अच्छा होता है।
क्या अच्छा कर लिया तुमने माता पिता से दर्द छिपाकर, कभी-कभी उनके पास बैठना, उनका दर्द साझा कर लेना भी अच्छा होता है।
लोग तुम्हारा मजाक उड़ाएंगे, ये सोच कर चले जाना इस जहाँ से आसान होता है, तुम्हारे जाने के बाद माता-पिता क्या करेंगे ये सोच लेना भी अच्छा होता है।
क्या हुआ यदि तुम आज हार गए, कभी-कभी हार का जश्न मना लेना भी अच्छा होता है।
जिंदगी एक अनमोल तोहफा है, हर वक्त कुछ नया करो नया सीखो, भले ही तुम्हें किसी की जरूरत ना हो, किसी और को तुम्हारी जरूरत है शायद, कभी-कभी फुर्सत में बैठकर, ये सोच लेना भी अच्छा होता है।
21/ 437 त्रिलोकपुरी, दिल्ली-91(लेखक एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और एक एनजीओ में काम करती हैं )
प्रतिक्रिया देने के लिए ईमेल करें : ok@naihawa.com