जयपुर
ACB की तीन जिलों की टीम ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उद्योग विभाग के महाप्रबंधक, वरिष्ठ सहायक को एक लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। ACB की टीम ने इस मामले में एक चार्टेड अकाउंटेंट को भी गिरफ्त में लिया है। ACB को उद्योग विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। इसके बाद घूसखोरों के मोबाइल नंबरसर्विलांस पर लिए गए जिसके बाद आज उनको दबोचा लिया गया। फिलहाल एसीबी आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है।
जयपुर, भीलवाड़ा और टोंक की ACB टीमों ने यह कार्रवाई टोंक के उद्योग विभाग में की। एसीबी को लगातार टोंक जिला उद्योग केंद्र में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थी। आज जिला उद्योग केंद्र के सुल्तान सिंह मीणा और बूंदी के वरिष्ठ सहायक अजय खंडेलवाल को 1 लाख की रिश्वत लेते समय गिरफ्तार कर लिया गया। छापेमारी में वरिष्ठ सहायक अजय खंडेलवाल के निवास से 6 लाख कैश बरामद किया गया। मामले में चार्टर्ड अकाउंटेंट जयंत जैन भी पकड़ा गया है। सभी पर फर्जी रिपोर्ट बनाने और भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
ऐसे चल रहा था रिश्वत का खेल
एसीबी के महानिदेशक रवि मेहरड़ा ने बताया कि टोंक जिला उद्योग केंद्र के प्रबंधक और एक अन्य कर्मचारी के खिलाफ फर्जी रिपोर्ट बनाने की एवज में भ्रष्टाचार किए जाने की सूचना मिली। इसमें पता चला कि मुख्य प्रबंधक सुल्तान सिंह मीणा जिला उद्योग केन्द्र बूंदी के वरिष्ठ सहायक अजय खण्डेलवाल के जरिए विभिन्न औद्योगिक विकास योजनाओं में गलत रिपोर्ट बनाने, गलत लोन पास करने, फर्जी बिलों के आधार पर अयोग्य व्यक्तियों को अनुचित लाभ पहुंचाने की एवज में रिश्वत राशि का भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इस पर एसीबी मुख्यालय ने तकनीकी रूप से शिकायत का सत्यापन किया, जो जांच में सही पाई गई।
सत्यापन के बाद टोंक एसीबी के डीएसपी झाबरमल शर्मा, भीलवाड़ा एसीबी के डीएसपी पारस मल और एसीबी इकाई एआईयू के निरीक्षक सज्जन कुमार के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। मौके से टीम ने एक लाख की रिश्वत राशि के साथ टोंक जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सुल्तानसिंह मीणा और बूंदी में नियुक्त वरिष्ठ सहायक अजय खण्डेलवाल को गिरफ्तार किया गया। वरिष्ठ सहायक के घर से छह लाख की नकद राशि बरामद हुई। एसीबी ने मोबाइल नंबरों के सर्विलांस के आधार पर जयंत जैन नाम के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी दबोचा है।
एक लाख की रिश्वत राशि लेकर महाप्रबंधक के घर पहुंचा वरिष्ठ सहायक
एसीबी के एडीजी ने बताया कि इस दौरान वरिष्ठ सहायक अजय खण्डेलवाल 1 लाख की रिश्वत लेकर उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सुल्तान मीणा को उनके आवास पर देने आया। इस पर पहले से घात लगाकर बैठी ब्यूरो की टीम ने दोनों आरोपियों को रंगे हाथ दबोच लिया। सुल्तान मीणा ने एक लाख की रिश्वत एक रिसोर्ट की फाइल को कंप्लीट करने की एवज में ली थी। बताया कि जा रहा है अजय खंडेलवाल पहले टोंक में सुल्तान मीणा के अधीन काम कर चुका है, उसकी अभी बूंदी में पोस्टिंग है। लेकिन दोनों की मिलीभगत के चलते वह टोंक की हर फाइल को अवैध रुप से डील करता था। इसके अलावा चार्टेड अकाउंट जयंत जैन के भी उनसे मिलीभगत होने की पुष्टि हुई है, जिसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।
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