नई दिल्ली
केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government employees) और पेंशनर्स (pensioners) के लिए यह अक्टूबर राहत लेकर आया है। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार ने अब सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) में पिछले 15 सालों का सबसे बड़ा सुधार कर दिया है।
सरकार ने लगभग 2,000 मेडिकल प्रोसीजर के नए पैकेज रेट घोषित किए हैं, जो 13 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे।
नए रेट अब अस्पताल की कैटेगरी, शहर के टियर और NABH मान्यता के आधार पर तय होंगे। यानी दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों और छोटे कस्बों के अस्पतालों में इलाज के रेट अलग-अलग होंगे।
क्या बदला है?
Tier-II शहरों में पैकेज रेट अब बेस रेट से 19% कम होंगे।
Tier-III शहरों में रेट 20% कम रहेंगे।
NABH मान्यता प्राप्त अस्पताल बेस रेट पर इलाज देंगे।
Non-NABH अस्पतालों को बेस रेट से 15% कम दरें मिलेंगी।
200 बेड या उससे बड़े सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों को बेस रेट से 15% ज्यादा भुगतान मिलेगा।
सरकार ने क्यों बदला पूरा सिस्टम?
कर्मचारियों और पेंशनर्स की लगातार शिकायत थी कि CGHS से जुड़े अस्पताल कैशलेस इलाज देने से कतराते हैं।
कारण: पुराने और अव्यवहारिक रेट, और भुगतान में देरी।
अक्सर मरीजों को इलाज के पैसे खुद देने पड़ते थे, और फिर रिफंड के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था।
नेशनल फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज यूनियंस (GENC) ने अगस्त 2025 में सरकार को ज्ञापन देकर कहा था कि इस स्थिति में बदलाव जरूरी है। अब सरकार ने उसी दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है।
अब क्या होगा फायदा?
कैशलेस इलाज होगा आसान: अस्पताल अब नए रेट्स को व्यावहारिक मानते हुए बिना झिझक इलाज देंगे।
जेब से खर्च घटेगा: कर्मचारी और पेंशनर्स को एडवांस में रकम जमा नहीं करनी पड़ेगी।
रिफंड की झंझट कम होगी: भुगतान प्रक्रिया सरल होगी और पैसे महीनों तक अटके नहीं रहेंगे।
बेहतर इलाज तक पहुंच बढ़ेगी: कार्डधारक अब एम्पैनल्ड अस्पतालों में भरोसे के साथ इलाज करवा सकेंगे।
हेल्थ इंडस्ट्री ने भी किया स्वागत
NATHEALTH की अध्यक्ष अमीरा शाह ने कहा कि “यह सुधार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता दिखाता है और लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान करेगा।”
वहीं, एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (AHPI) ने इसे “लंबे समय से प्रतीक्षित कदम” बताया, जिससे अस्पतालों की वित्तीय स्थिति सुधरेगी और मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा।
पिछले सुधारों से कैसे अलग है यह कदम?
2023 में ICU, रूम रेंट और कंसल्टेशन फीस में कुछ मामूली बदलाव किए गए थे।
2024 में कुछ न्यूरो और सर्जिकल प्रोसीजर अपडेट हुए थे। लेकिन 2025 का यह फैसला अब तक का सबसे व्यापक सुधार माना जा रहा है — जो न केवल दरें बदलता है बल्कि CGHS की साख और भरोसे को भी पुनर्जीवित करता है।
नए रेट्स से उम्मीद है कि अब अस्पतालों को समय पर भुगतान मिलेगा, और मरीजों को बिना परेशानी के कैशलेस इलाज मिलेगा।
13 अक्टूबर से बदल जाएगा पूरा सिस्टम — और हर सरकारी कर्मचारी के लिए यह बदलाव राहत की सांस बनकर आएगा।
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