सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने भेजी राजस्थान सहित पांच राज्यों में हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश, यहां जानिए डिटेल

नई दिल्ली | नई हवा ब्यूरो 

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने राजस्थान हाईकोर्ट के नए  मुख्य न्यायाधीश के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी है। सीजेआई एन वी रमन्ना की अध्यक्षता में हुए कॉलेजियम ने राजस्थान के अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, गुवाहाटी, तेलंगाना और दिल्ली हाईकोर्ट में भी मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति को लेकर केन्द्र को सिफारिश भेजी है।

राजस्थान में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी सेवानिवृत हो चुके हैं और तभी से न्यायाधीश मदन मोहन श्रीवास्तव कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य संभाल रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसएस शिंदे (संभाजी शिवजी शिंदे) का नाम राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा है अब यदि केंद्र इस सिफारिश  पर मुहर लगाता है तो एसएस शिंदे ही राजस्थान हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश होंगे।

न्यायाधीश एसएस शिंदे

इन चार राज्यों में इनकी हुई सिफारिश
जस्टिस विपिन सांघी को उत्तराखंड हाईकोर्ट सीजे, जस्टिस अमजद ए सैयद को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट सीजे, जस्टिस आर एम छाया को गुवाहाटी हाईकोर्ट सीजे और जस्टिस उज्ज्वल भुयान को तेलंगाना हाईकोर्ट सीजे के पद पर नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है

जानिए न्यायाधीशों का परिचय
न्यायाधीश शिंदे: न्यायाधीश शिंदे का जन्म 2 अगस्त 1960 को हुआ। उन्होंने मराठावाड़ा विश्वविद्यालय औरंगाबाद से लॉ की पढ़ाई की। बाद में पुणे और इंग्लैंड के वारविक विश्वविद्यालय से एलएलएम की डिग्री हासिल की। उन्होंने नवम्बर 1989 में बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बैंच में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया। 17 मार्च, 2008 को उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

जस्टिस विपिन सांघी: कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपिन सांघी को उत्तराखण्ड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की है दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सांघी सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी के कार्यालय में प्रेक्टिस कर चुके हैं केन्द्र सरकार के पैनल एडवोकेट के तौर कार्य कर चुके सांघी को दिल्ली हाईकोर्ट में 2005 में सीनियर एडवोकेट डेजीगनेट किया गया था मई 2006 में उन्हे दिल्ली हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया. अपनी नियुक्ति से लेकर अब तक जस्टिस सांघी दिल्ली हाईकोर्ट में सेवाए दे रहे हैं

जस्टिस आर एम छाया: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर जस्टिस आर एम छाया की नियुक्ति की सिफारिश की है जस्टिस छाया फिलहाल गुजरात हाईकोर्ट में जज हैं गुजरात विश्वविद्यालय से 1984 में एलएलबी करने वाले जस्टिस छाया को 17 फरवरी, 2011 को गुजरात हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया नियुक्ति से पूर्व जस्टिस छाया ने गुजरात के कई संस्थानो के साथ ही केन्द्र के सीनियर काउंसिल के तौर पर अपनी सेवा दी

जस्टिस उज्जल भुयान: मूल गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज जस्टिस उज्जल भुयान को तेलंगाना हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश कि गयी है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस उज्जल को जस्टिस सतीशचन्द्र शर्मा की जगह पर नियुक्ति के लिए सिफारिश की है। जस्टिस भुयान को 2011 में गुवाहाटी हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया था। 2019 में जस्टिस भुयान का तबादला गुवाहाटी से बॉम्बे हाईकोर्ट में किया गया था। करीब दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में तबादला कर तेलंगाना हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया था। जस्टिस भुयान तेलंगाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक्जीक्यूटीव चैयरमेन भी हैं।

जस्टिस ए ए सैयद: बॉम्बे हाईकोर्ट के सीनियर मोस्ट जज और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक्जीक्यूटीव चैयरमेन जस्टिस ए ए सैयद को हिमाचल प्रदेश का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है। 21 जनवरी 1961 को जन्मे जस्टिस सैयद ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से 1984 में लॉ की डिग्री करने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करने लगे। खेलों में रूचि रखने वाले जस्टिस सैयद बहुत शालीन और शांत जज माना जाता है। मुंबई में आज जनता से जुड़े जनहित के मामलों  को उठाने के लिए अक्सर उनके फैसले चर्चा में रहे हैं।

जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर जस्टिस सतीशचन्द्र शर्मा के नाम की सिफारिश की है। जस्टिस शर्मा फिलहाल तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं और तबादले के बाद दिल्ली हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई है। मध्यप्रदेश के भोपाल में 30 नवंबर 1961 को जन्मे जस्टिस सतीशचन्द्र शर्मा ने 1981 में लॉ डिग्री हासिल की थी। लॉ के बाद 1984 में जस्टिस शर्मा ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में प्रेक्टिस शुरू की। 2003 में हाईकोर्ट की ओर से सबसे युवा सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया। 18 जनवरी 2008 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्ति दी गयी। 2010 में स्थायी जज बनने के बाद 4 जनवरी 2021 को उनका तबादला कर्नाटक हाईकोर्ट में किया गया। अगस्त 2021 में वे कर्नाटक हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे।

ये होती है जजों की नियुक्ति प्रक्रिया
कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट के नए जज की नियुक्ति के लिए वकीलों या जजों के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजती है। इसी तरह केंद्र भी अपने कुछ प्रस्तावित नाम कॉलेजियम को भेजती है। केंद्र के पास कॉलेजियम से आने वाले नामों की जांच/आपत्तियों की छानबीन की जाती है और रिपोर्ट वापस कॉलेजियम को भेजी जाती है। सरकार इसमें कुछ नामों की अपनी तरफ से सिफारिश करती हैं। कॉलेजियम, केंद्र द्वारा सिफारिश किए गए नए नामों और कॉलेजियम के नामों पर केंद्र की आपत्तियों पर विचार करके फाइल दोबारा केंद्र के पास भेजती है। जब कॉलेजियम किसी वकील या जज का नाम केंद्र सरकार के पास दोबारा भेजती है। तो केंद्र को उस नाम को स्वीकार करना ही पड़ता है। राष्ट्रपति के मुहर लगने के बाद लिस्ट नाम फाइनल होता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस नए जजों को शपथ दिलाते हैं।

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