केंद्र सरकार बढ़ा सकती है जजों की रिटायरमेंट की आयु

नई दिल्ली 

सुप्रीम कोर्ट और सभी हाईकोर्ट जजों की रिटायरमेंट आयु बढ़ सकती है केन्द्र  सरकार इस मामले में अब अहम फैसला लेने की तैयारी कर रही हैं सूत्र बता रहे हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के साथ देश के सभी हाईकोर्ट जजों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने को लेकर विचार कर रही हैं

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जजों की रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष  और  हाईकोर्ट में जजों की रिटायरमेंट की आयु 62 वर्ष है। लम्बे अरसे से इनकी रिटायरमेंट की आयु बढ़ने को लेकर मांग उठती रही है। बताया जाता है की केंद्र सरकार अब इसको लेकर गंभीर है और वह सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में रिटायरमेंट की आयु को दो साल के लिए बढ़ा सकती है हालांकि सरकार ने आधिकारिक रूप से इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि केंद्र  सरकार जजों की रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने पर विचार कर रही है

CJI कर चुके हैं पैरवी
देश के CJI  एन वी रमन्ना भी देश में जजों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की पैरवी कर चुके हैं अप्रैल के प्रथम सप्ताह में आयोजित एक वेबिनार में रमन्ना ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के लिए 65 वर्ष की सेवानिवृत्ति की आयु बेहद कम है और वह अपनी सेवानिवृत्ति के बाद सार्वजनिक जीवन में सक्रिय बने रहेंगे

इसी पहले पूर्व CJI  जस्टिस एसए बोबड़े भी जजों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की राय जाहिर कर चुके हैं नवंबर 2019 में  सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा उनके सम्मान में आयोजित समारोह में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा था कि वकील 70-80 की वर्ष की उम्र में अदालतों में बहस कर रहे हैं ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति आयु 70 और हाईकोर्ट के जजों की उम्र 68 वर्ष तक की जानी चाहिए जिस पर पूर्व सीजेआई ने कहा था कि अगर ऐसा होता है तो जज ज्यादा लंबे समय तक काम करने को तैयार हैं

गोगोई ने PM को पत्र लिख कर किया था अनुरोध
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने तो जून 2019 में इस मामले में हाईकोर्ट जजों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिख दिया था इस पत्र में पूर्व सीजेआई ने देश के हाईकोर्ट में जजों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ा कर 65 वर्ष करने का अनुरोध किया था गोगोई ने प्रधानमंत्री को लिखे एक दूसरे पत्र में एक संविधान संशोधन विधेयक लाने पर विचार करने तक को कहा था, ताकि हाईकोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ा कर 62 से 65 साल की जा सके  पूर्व सीजेआई ने संविधान के अनुच्छेद 128 और 224 ए के तहत सावधिक नियुक्ति करने का भी अनुरोध किया था, जिससे वर्षों से लंबित पड़े मुकदमों का निपटारा किया जा सके

इसी साल लागू कर सकता है केंद्र!
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केन्द्र सरकार अगर देश के जजों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाती है, तो ये इसी साल हो सकता है। CJI एन वी रमन्ना के सेवानिवृत्ति होने के बाद केंद्र सरकार इसे लागू कर सकती है। इससे ना केवल सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जजों की संख्या बरकरार रहेगी, जजों के पदों के रिक्त होने से प्रभावित होने वाली केसों की सुनवाई भी नियंत्रित हो सकेगी। ऐसा हुआ तो जस्टिस यू यू ललित से लेकर जस्टिस चन्द्रचूड़ सहित अन्य सुप्रीम कोर्ट जजों के कार्यकाल में दो वर्ष की बढ़ोतरी हो सकती हैं। वहीं देश के कई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी अपने पद पर दो वर्ष के लिए और रह सकते हैं।

संसदीय समिति की सिफारिश
पिछले साल मार्च 2021 में भी संसदीय मामलों की एक समिति ने देश के सभी हाईकोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष की बजाय 65 साल करने की सिफारिश की थी सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाए जाने की सिफारिश करने वाली स्थायी समिति का मानना था कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति की आयु एकसमान होनी चाहिए जो कि 65 वर्ष है

समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि जब सुप्रीम कोर्ट के जज 65 वर्ष की आयु तक काम कर सकते हैं तो हाईकोर्ट के जजों को 62 वर्ष में ही सेवानिवृत्त करने का कोई तार्किक कारण नहीं दिखाई देता यही कारण था कि समिति ने न्याय विभाग से सिफारिश की थी कि हाईकोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी जानी चाहिए

कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति के सदस्यों का मानना था कि हाईकोर्ट में जजों के बड़ी संख्या में रिक्त पड़े पदों को ध्यान में रखकर सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने पर विचार करने की अत्यधिक आवश्यक्ता है समिति ने पाया कि देश के विभिन्न हाईकोर्ट में 39 फीसदी जजों के पद खाली थे

हाईकोर्ट में 400 पद रिक्त
कानून मंत्रालय के अनुसार 1 जून तक देश के 25 हाईकोर्ट में स्वीकृत जजों के कुल 1108 पदों पर 708 जज कार्यरत थे वहीं 400 जजों के पद रिक्त हैं 80 से अधिक पदों पर नियुक्ति के लिए जजों के नाम पाइपलाइन में हैं वर्ष 2022 के शेष बचे 6 माह में ही 40 से अधिक जज सेवानिवृत भी होंगेअगर सरकार आगामी कुछ माह में सविधान संशोधन के जरिए सेवानिवृत्ति आयु बढ़ा देती है तब ये स्थिति बदल सकती हैं

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