आधी दुनिया

डॉ. अलका अग्रवाल, सेवानिवृत कॉलेज प्राचार्य
अब वे अन्याय नहीं सहतीं।
अब वे चुपचाप नहीं रहतीं।
अब वे बेबाक हो सब कहतीं।
अब नहीं डरती हैं लड़कियां।
अब वे जो चाहें, पढ़ती हैं।
अब वे जो चाहें, बनती हैं।
अब इच्छा से वर चुनती हैं।
स्वयं ही निर्णय करती हैं लड़कियां।
अब सहमी – सहमी नहीं दिखतीं।
अब अंदर ही अंदर नहीं घुटतीं।
अब शिखर तक हैं वे चढ़तीं।
अब मंजिल तक पहुंचती हैं लड़कियां।
ऐसी हैं आजकल की लड़कियां।
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