नई दिल्ली
देश के प्रमुख विचारक गोविंदाचार्य द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के 19 वें स्थापना दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित न्यायिक सुधार जनसभा में शीघ्र, सुलभ और सस्ता न्यायालय के लिए प्रति 10 लाख की आबादी पर 100 न्यायाधीशों की नियुक्ति का कानून बनाने की मांग केंद्र सरकार से की गई।
इस जनसभा में गोविंदाचार्य के अलावा रिटायर्ड जज शंभूनाथ श्रीवास्तव, वरिष्ठ वकील और न्यायविद प्रशांत भूषण, सोसायटी फ़ॉर फ़ास्ट जस्टिस के संस्थापक भगवान रैयानी, वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव, वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने संगठन की मांग के समर्थन में आवाज बुलंद की और न्यायपालिका में अन्य सुधारों की आवश्यकता को स्पष्ट किया। मंच पर इनके अलावा समाज के अनेक वरिष्ठ जन सभा मे उपस्थित थे।
प्रशान्त भूषण ने न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने का समर्थन करते हुए अन्य न्यायिक सुधारों के लिए भी आंदोलन करने का सुझाव दिया और इस आंदोलन को अपना समर्थन देने की घोषणा की। इलाहाबाद उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायाधीश शम्भूनाथ श्रीवास्तव ने न्यायपालिका में आये अपने अनुभवों को साझा किया और सरकार द्वारा सही सुधारों की मांग की अनदेखी करने पर असंतोष प्रकट किया। 85 वर्षीय भगवान रैयानी जी न्यायिक सुधारों की उनकी मांगों को न मानने पर गांधी के बलिदान दिवस 30 जनवरी, 2024 से अनिश्चितकालीन भूखहड़ताल करने की घोषणा की। अंत में गोविंदाचार्य ने सभी के मतों को साथ लेकर आंदोलन को गति देने के लिए प्रयत्न करने का सुझाव अपने सहयोगियों को दिया।
राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक बसवराज पाटिल वीरापुर, कार्यकारी संयोजक सुरेन्द्र सिंह बिष्ट और सहसंयोजक तथा राजस्थान के पूर्व विधायक नवरतन राजोरिया ने भी मांग को आगे बढ़ाने के लिए आंदोलन के अगले चरण की जानकारी साझा की। संस्था के सहसंयोजक अधिवक्ता अरुण सत्यमूर्ति ने इस मांग को लेकर उनके किये प्रयासों को मिले उत्साहजनक समर्थन को साझा किया।
कार्यकारी संयोजक सुरेन्द्र सिंह बिष्ट ने जोरदार शब्दों में मांग के पक्ष में विचार रखे और सभी से इस मांग के समर्थन में सहयोग करने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन दिल्ली प्रान्त संयोजक श्रीमती सुकर्मा चौधरी ने किया और आभार दिल्ली प्रान्त के सरंक्षक कैलाश गोदुका ने किया।
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