योग भगाए रोग…

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस  

डॉ. विनीता राठौड़


भोग में सदैव क्यों रहते हो रत
करते अपने स्वास्थ्य को हताहत।
दैनिक आपाधापी में छूटा योग
अति भोग से लगा लिए कई रोग।
शरीर बना लिया रोगों की खान
अब तो लो मेरा कहना मान।
तन मन सब रहे प्रफुल्लित
योग करें यदि हम नित नित।

पहला सुख निरोगी काया
बात मेरी मान लो भाया।
मन निर्मल, कंचन हो काया
ऐसी होती योग की माया।
योग  से  मिलती तनाव से मुक्ति
शरीर  में  आ जाती स्फूर्ति।
करो अब सब ऐसा जोग
सहज योग भगाए सारे रोग।

(लेखिका राजकीय महाविद्यालय, नाथद्वारा में प्राणीशास्त्र की सह आचार्य हैं)




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