भरतपुर
चंबल परियोजना से जुड़ी समस्याओं का अम्बार लगने से राज्य के कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह इतने दुखी हो गए कि उन्होंने सोमवार को भरतपुर के सर्किट हाउस में जन सुनवाई के दौरान अफसरों को जमकर फटकार लगाई और उनको वॉर्निंग तक दे डाली और कहा कि अब फिर इसकी शिकायत मिली तो उनकी खैर नहीं।
आपको बता दें कि पिछली जनसुनवाई में भी विश्वेन्द्र सिंह को चम्बल परियोजना से जुड़ी समस्याओं की शिकायतें मिलीं थीं और इस बार सोमवार को फिर जन सुनवाई में वही शिकायतें वापस आने पर विश्वेन्द्र सिंह ने गहरी नाराजगी जताई और अफसरों को लताड़ लगाते हुए कहा कि उन्हें अपने रवैये में सुधार करना होगा। उनके कामकाज के तरीके से लगता है कि चंबल परियोजना से जुड़े अफसर साइड पर जाते ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता के टेलिफोन तक नहीं उठाते हैं।
विश्वेन्द्र सिंह ने अफसरों को वॉर्निंग दी कि थोड़ा सचेत हो जाएं, दुबारा चेतावनी दे रहा हूं। यदि ऐसा ही रवैया रहा तो फिर बड़ा एक्शन होगा। कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह की ओर से हर बार डीग-कुम्हेर विधानसभा के अलावा अन्य विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए सर्किट हाउस में जनसुनवाई का आयोजन किया जाता है। इसमें आने वाली समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है।
जन सुनवाई के बाद मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में भी कहा कि जनसुनवाई में सबसे ज्यादा शिकायत चंबल विभाग की आ रही हैं। मुख्यमंत्री जैसे तैसे चंबल के पानी को भरतपुर की जनता के लिए लेकर आए। लेकिन अफसर केवल शिकायतें लेने तक ही सीमित हैं, जबकि उनको इन शिकायतों का समाधान करना चाहिए। ऐसा नहीं करते हैं तो फिर जन सुनवाई का कोई औचित्य नहीं रहता। शिकायतों पर कार्रवाई होनी चाहिए और 1 हफ्ते के अंदर पूरी रिपोर्ट आनी चाहिए।
नदबई विधायक जोगिंदर सिंह अवाना और सरपंच संघ के बीच चल रहे विकास कार्यों को लेकर विवाद पर मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा- सभी जन प्रतिनिधियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में काम करने की छूट होनी चाहिए। अगर कोई भी किसी के काम में हस्तक्षेप करे तो विकास का काम कैसे होगा, अगर विकास नहीं होगा तो इससे सरकार को नुकसान है।
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