नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium), जिसकी अगुवाई चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना कर रहे हैं, न्यायिक व्यवस्था में बड़े सुधार की तैयारी में है। इस नई व्यवस्था से न्यायपालिका में क्रांति आ सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में परिवारवाद (नैपोटिज्म) पर लगाम लगाने के लिए कॉलेजियम ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। इसका मकसद न्यायिक नियुक्तियों में पारदर्शिता लाना और योग्य व प्रतिभाशाली वकीलों को वरीयता देना है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने यह तय करने की योजना बनाई है कि किसी भी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड अथवा मौजूदा जज के रिश्तेदारों को जज नियुक्त करने की सिफारिश नहीं की जाएगी। इससे न्यायपालिका में परिवारवाद पर रोक लगेगी और योग्य फर्स्ट जनरेशन वकीलों को मौका मिलेगा। जानकारी मिली है कि कॉलेजिमय में शामिल कुछ जजों का ही प्रस्ताव था कि ऐसे लोगों के नामों को आगे न बढ़ाया जाए, जिनके परिजन या रिश्तेदार पहले से जज हैं या फिर रह चुके हैं।
क्यों है यह फैसला ऐतिहासिक?
न्यायपालिका में यह धारणा लंबे समय से चली आ रही है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति में परिवारवाद हावी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हाईकोर्ट में लगभग 50% जज किसी न किसी जज के रिश्तेदार होते हैं। ऐसे में इस व्यवस्था से न केवल परिवारवाद पर रोक लगेगी बल्कि न्यायपालिका में जनता का विश्वास भी बढ़ेगा।
भजनलाल सरकार ने इन विभागों से हटाया ट्रांसफर से बैन, सिर्फ इतने दिन होंगे तबादले | जानें नई व्यवस्था
क्या होगा योग्य वकीलों का?
हालांकि, इस फैसले से कुछ योग्य वकीलों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि वे जज बनने की योग्यता रखने के बावजूद रिश्तेदारी के कारण बाहर हो सकते हैं। लेकिन कॉलेजियम का मानना है कि ऐसे वकील अपनी प्रतिष्ठा और योग्यता से वकालत के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर सकते हैं और आर्थिक रूप से जजों से भी अधिक कमाई कर सकते हैं।
‘जजेज सिलेक्टिंग जजेज’ सिस्टम पर उठे सवाल
कॉलेजियम व्यवस्था हमेशा से विवादों में रही है। इससे पहले सरकार ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) के जरिए जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता लाने की कोशिश की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।
सरकार के पास नहीं भेजी जाएगी सिफारिश
न्यायिक व्यवस्था के प्रति लोगों में किसी भी तरह की शंका और आलोचना पर ब्रेक लगाने और स्वस्थ न्यायिक व्यवस्था कायम रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम अब इस तरह की व्यवस्था पर पूरी तरह से विराम लगाने की तैयारी में है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में यह विचार किया जा रहा है कि, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड या वर्तमान जज के परिवार से किसी भी सीनियर मोस्ट एडवोकेट के नाम की सिफारिश सरकार के पास जज बनाने के लिए नहीं भेजी जाएगी।
नई हवा की खबरें अपने मोबाइल पर नियमित और डायरेक्ट प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें। आप अपनी खबर या रचना भी इस नंबर पर भेज सकते हैं।
भजनलाल सरकार ने इन विभागों से हटाया ट्रांसफर से बैन, सिर्फ इतने दिन होंगे तबादले | जानें नई व्यवस्था
PNB में मृत पेंशनधारियों को ‘जिंदा’ दिखाकर 37 लाख की फर्जी निकासी, एक गिरफ्तार | ब्रांच मैनेजर फरार
IAS अफसर की तीन पत्नियां, तीनों के पास शादी के सर्टिफिकेट: 50 करोड़ की संपत्ति का हाई-वोल्टेज ड्रामा
5वीं और 8वीं में फेल होने वाले छात्रों को अब नहीं मिलेगी प्रमोशन की गारंटी, जानें नए नियम
नई हवा’ की खबरें नियमित और अपने मोबाइल पर डायरेक्ट प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें
