कैसे पहचानें किसी को,
एक चेहरे पर
ढेरों चेहरे चढ़ा कर
Tag: Dr. Shikha Agarwal
इंसान तो जैसे मायावी हो गया…
बसंती बयार…
कल तक सूने खड़े वृक्ष की,
नव पल्लव ने झोली भर दी।
विश्वास को ढूढ़ें…
इंसानियत ढूढ़ें यहां,
जो खो गई इस दौर में,
हर कोई चाहे सच्चाई
कब तक सिसकेगी मानवता…
मेहनतकश को है सज़ा यहां,
नाकारा इज्जत पाते हैं,
खुद का हक है सबको प्यारा
मुझे अमन चाहिए…
मेरे शहर को ये क्या हो गया,
अमन ओ चैन का गुलिस्तां
जिंदगी की सच्चाई
ये जिंदगी है, सबकी अलग सी,
कहीं खुश है, तो कहीं परेशान सी
खुशियां सजाएं
आओ, कुछ खूबसूरत ख्वाबों को देखें,
सखियों के संग, कुछ कहकहे लगा लें,
कुछ देर तो विश्राम लें, अपने कामों से,
मायके को याद कर थोड़ा मुस्कुरा लें।
नूतन वर्षाभिनंदन…
नए साल के नए पृष्ठ पर, लिख दें कुछ हंसती खुशियां
जीवन संघर्ष
इस सृष्टि के जन्मविधाता, पालनहार तुम्ही हो दाता,
घर-घर जाकर दीप जला दूं…
घर-घर जाकर दीप जला दूं,
खुशियों का उजियारा कर दूं।