पुष्कर धामी ने ली उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ, 11 अन्य को बनाया मंत्री

देहरादून 

उत्तराखंड के 11वें और सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने 4 जुलाई शाम को शपथ ले ली। 45 वर्षीय धामी को  राजभवन में पूरे समारोह के बीच राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पिछले साढ़े चार सालों में उत्‍तराखंड को तीसरा सीएम मिला है। इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत सीएम रह चुके हैं। शनिवार को हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में धामी के नाम पर सहमति बनी थी।

इस दौरान हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज, मदन कौशिक समेत, तमाम भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। 5 बजकर 14 मिनट पर शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने की घोषणा हुई। इसके बाद राज्यपाल पोडियम पर पहुंचीं और उन्होंने पुष्कर सिंह धामी को शपथ दिलाई। शपथग्रहण समारोह के दौरान नारेबाजी का दौर भी खूब चला। सीएम धामी के समर्थकों ने खूब नारे लगाए।

इन्हें भी दिलाई गई शपथ
मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 11 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई। ​मंत्री के रूप में शपथ लेने वालों में सबसे पहला नाम सतपाल सिंह महाराज का रहा। इसके बाद पौड़ी से विधायक हरक सिंह रावत ने शपथ ली। मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले अगले विधायक वंशीधर भगत रहे। वंशीधर भगत पांच बार मंत्री रह चुके हैं और वह छठवीं बार मंत्री बने हैं। इसके बाद यशपाल आर्य मंत्रीपद की शपथ लेने पहुंचे। यशपाल पिछली सरकार में परिवहन मंत्री थे। डिडिहार से विधायक बिशन सिंह को भी राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद सु​बोध उनियाल, अरविंद पांडेय, मसूरी से लगातार दूसरी बाद विधायक गणेश जोशी, धनसिंह रावत, रेखा आर्या, यतीश्वरानंद ने भी मंत्री पद की शपथ ली।

नाराज नेताओं को मानते रहे
शपथ से पहले धामी मंच से उतरकर सतपाल महाराज से मिलने गए। सतपाल महाराज धामी को CM बनाने से नाराज बताए जा रहे थे।
पुष्कर सिंह धामी शनिवार को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले थे। लेकिन उनके नाम घोषणा होने से उत्तराखंड भाजपा के कई नेता असंतुष्ट हो गए थे। इसके चलते रविवार को शपथग्रहण समारोह का आयोजन हुआ।

पुष्कर सिंह धामी का जन्म पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में 16 सितम्बर 1975 को हुआ।लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा में पोस्टग्रेजुएशन किया है।90 के दशक में ABVP में कई पदों पर रहे। दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2012 में खटीमा से विधानसभा पहुंचे। लगातार दूसरी बार खटीमा से ही विधायक बने।




 

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