मुस्लिम बुजुर्ग की दाढ़ी काटने का मामला: सपा नेता उम्मेद पहलवान गिरफ्तार, उसी ने डाला था भड़काऊ वीडियो | यहां देखिए फैक्ट

गाजियाबाद 


उम्मेद वही शख्स है जिसने बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था जो बाद में वायरल हो गया


गाजियाबाद के लोनी में 72 साल के बुजुर्ग तांत्रिक को पीटने के बाद उसकी दाढ़ी काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर डालने वाले उम्मेद पहलवान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उम्मेद को दिल्ली के लोक नारायण जयप्रकाश अस्पताल (एलएनजेपी) के पास से गिरफ्तार किया गया। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि उसे गाजियाबाद लाया जा रहा है। भड़काऊ वीडियो वायरल करने के संबंध में उससे पूछताछ की जाएगी। बुलंदशहर के अनूपशहर निवासी बुजुर्ग तांत्रिक अब्दुल समद की दाढ़ी काटने के मामले में गुलशन उर्फ पोली को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गुलशन सरेंडर करने कोर्ट जा रहा था, उसी वक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में अब तक 9 लोगों को पकड़ा जा चुका है। 8 को जमानत भी मिल चुकी है।

उम्मेद पहलवान ने रची साजिश
पुलिस का कहना है कि असली घटना समद के साथ मारपीट और दाढ़ी काटे जाने की हुई थी। इसी को सांप्रदायिक रंग देने की साजिश उम्मेद पहलवान ने रची। समद ने सच्चाई को छिपाए रखा। पुलिस ने केस डायरी में सभी आरोपियों की भूमिका साफ कर दी है। हालांकि, लिखा- पढ़ी में अभी तक समद को आरोपी नहीं बनाया है। दाढ़ी काटने की घटना 5 जून को हुई और उसका केस 7 जून को दर्ज हुआ। नौ दिन बाद 14 जून को घटना की वीडियो वायरल हुई तो बखेड़ा हो गया।
पुलिस ने  कुल तीन मामले दर्ज किए हैं। ट्विटर पर दर्ज केस के अलावा एक मामला दाढ़ी काटने का तो दूसरा मामला भड़काऊ वीडियो वायरल करने का है।
उम्मेद पहलवान गाजियाबाद का लोकल नेता है। उस पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और समुदायों के बीच नफरत फैलाने का आरोप है।
उम्मेद पहलवान ही सबसे पहले समद को लेकर मीडिया के सामने आया था।लोनी बॉर्डर थाने के सब इंस्पेक्टर नरेश सिंह ने उम्मेद पहलवान के खिलाफ 16 जून को  IPC की धारा 295A, 153A, 504, 505 और 67 IT एक्ट में केस दर्ज कराया था। आरोप था कि पिटाई केस के पीड़ित अब्दुल समद का वीडियो बनाकर उम्मेद पहलवान ने फेसबुक पर वायरल किया था। तथ्यों की जांच पड़ताल किए बिना घटना को साम्प्रदायिक रंग देकर माहौल भड़काने का प्रयास किया। उम्मेद पहलवान पर एक केस अनूपशहर कोतवाली में भी दर्ज है।

ये रहे असली गुनाहगार, पुलिस ने खोला इनका सच
अब्दुल समद: दाढ़ी काटने के आरोपी प्रवेश गुर्जर को पहले से जानता था, फिर भी एफआईआर में उसे नामजद नहीं कराया। इस सच्चाई को भी छिपा लिया कि उसने प्रवेश को ताबीज दिया था। 

उम्मेद पहलवान: ताबीज का असर न होने की घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। फेसबुक लाइव पर समद का वीडियो दिखाते हुए भड़काऊ बातें कहीं। (गिरफ्तार हो चुका है)

प्रवेश गुर्जर:  समद द्वारा दिए ताबीज का उल्टा असर होने के शक पर उसे घर में बंधक बनाया। दर्जन भर साथियों को बुलाकर सूफी समद के साथ मारपीट की और उनकी दाढ़ी काटी। (रंगदारी मामले में जेल में है)

इंतजार:  प्रवेश को तांत्रिक  समद से मिलवाया था। दो बार उसे प्रवेश के घर लेकर गया। घटना वाले दिन अपने साले सद्दाम के साथ बाइक पर तांत्रिक को प्रवेश के पास भेजा। घटना के दौरान मौके पर मौजूद था। (गिरफ्तार)

सद्दाम: बहनोई इंतजार के कहने पर सूफी को बाइक से प्रवेश के घर ले गया। समद के साथ मारपीट व दाढ़ी काटने की घटना के दौरान मौके पर मौजूद था। (गिरफ्तार हो चुका है)

आदिल:  प्रवेश का दोस्त है। घटना वाले दिन प्रवेश का फोन आने पर ही वह अपने दोस्तों को लेकर प्रवेश के पास पहुंचा। सूफी समद के साथ हुई घटना में शामिल रहा। (गिरफ्तार हो चुका है)

अभय उर्फ कल्लू: आदिल के साथ प्रवेश के पास पहुंचा और सूफी समद के सात हुई घटना में शामिल रहा। (गिरफ्तार हो चुका है)
हिमांशु, अनस, बाबू, शावेज:  प्रवेश और आदिल के दोस्त हैं। सूफी समद के साथ हुई घटना में शामिल थे । (गिरफ्तार हो चुके हैं)
गुलशन उर्फ पोली:  प्रवेश और आदिल का दोस्त है। सूफी समद के साथ हुई घटना में शामिल। (गिरफ्तार हुआ)
आवेश चौधरी:  प्रवेश और आदिल का दोस्त। सूफी समद के साथ हुई घटना में शामिल। (अभी फरार)

पत्रकार, लेखक, कांग्रेस प्रवक्ता, मीडिया संस्थान और ट्विटर सहित 9 पर FIR

पुलिस ने वीडियो वायरल करने वाले 9 लोगों पर FIR दर्ज की है। उनमें ट्विटर के अलावा दो पत्रकार, एक लेखक, एक छात्रनेता और एक मीडिया संस्थान शामिल हैं। यहां जानिए इनमें कौन क्या है:

मोहम्मद जुबैर
जुबैर फैक्ट चेकर न्यूज वेबसाइट altnews का को-फाउंडर। इनकी वेबसाइट फेक न्यूज को चेक करके बताती है। इस बार खुद पर फेक न्यूज का आरोप। इनकी कंपनी ने ही गाजियाबाद में बुजुर्ग व्यक्ति की मारपीट का फैक्ट चेक किया था। फेक वीडियो को भी जुबैर ने सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने जुबैर के फैक्ट चेक का खंडन करते हुए टि्वटर अकाउंट ब्लॉक कर दिया।

राना अय्यूब
मुम्बई में रहती हैं। वाशिंगटन पोस्ट की पत्रकार हैं। भ्रामक और गलत तरीके से पोस्ट वायरल करने का आरोप।

डॉ. शमा मोहम्मद
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता। दिल्ली में रहती हैं।

सबा नक़वी
साहित्यकार और लेखक हैं। कई किताबें लिखी हैं। ‘वाजपेयी से मोदी 2018 तक’ की  किताब लिखी हैं। दिल्ली में रहती हैं।  इन्होंने गाजियाबाद के बुजुर्ग के वीडियो को रिट्वीट करते हुए उसे वायरल किया था।
मशकूर उस्मानी
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष हैं। मशकूर उस्मानी बिहार के जाले विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। सोशल मीडिया पर मशहूर उस्मानी ने अपना पता अलीगढ़, दिल्ली और दरभंगा बिहार लिख रखा है।

सलमान निजामी
कांग्रेस के नेता। टीवी चैनलों पर डिबेट में आते रहते हैं।

दि वायर
न्यूज वेबसाइट । इसके खिलाफ फेक न्यूज प्रकाशित करने और लोगों को गुमराह करने का आरोप।

ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और  INC के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी FIR हुई है।

और इधर सियासत देखिए…
फैक्ट जानने से पहले ही मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि ऐसी क्रूरता समाज और धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है। उन्होंने ट्वीट किया कि मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है।
UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर इसका जवाब दिया, ‘प्रभु श्रीराम की पहली सीख है- सत्य बोलना, जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं।’

यह था पूरा मामला
उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने लोनी इलाके में अब्दुल समद नाम के एक बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद FIR दर्ज की थी। इन सभी पर घटना को गलत तरीके से सांप्रदायिक रंग देने की वजह से यह एक्शन लिया गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक बुजुर्ग मुस्लिम को पीटा गया और उसकी दाढ़ी काट दी गई। पुलिस के मुताबिक, मामले की सच्चाई कुछ और है। पीड़ित बुजुर्ग ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे, जिनके परिणाम न मिलने पर नाराज आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया। लेकिन, ट्विटर ने इस वीडियो को मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग नहीं दिया। पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने अपनी FIR में जय श्री राम के नारे लगवाने और दाढ़ी काटने की बात दर्ज नहीं कराई है।